फेसबुक के फ्रॉड- 4
अब इसका क्या करेंगे? देशभर में जिन तीन कंपनियों के खिलाफ हम लोगों सहित प्राइवेट कंपनियों और सरकारी विभागों ने सबसे ज्यादा शिकायत की है, वो एयरटेल, रिलायंस और वोडाफोन है। इनकी कहानी तो याद होगी। रिलायंस भारत में इस फ्री के फ्रॉड के साथ साझेदारी कर रहा है तो अफ्रीका में एयरटेल पहिलेन फेसबुक के साथ फ्रॉड इंटरनेट डॉट ओआरजी लॉन्च कर चुका है और यहां भी किसी न किसी तरह से (चाहे सरकार में पैसे खिलाकर लांबिंग हो) अपना हिस्सा बनाएगा। अगर फेसबुक फ्री बेसिक्स का फ्रॉड काम कर गया तो पड़े करते रहिए इनके खिलाफ शिकायत, ये घंटा कुछ नहीं करने वाले। अभी भी कौन सा कुछ कर ही दे रहे हैं। कॉल ड्रॉप पर कोर्ट की कइयो फटकार के बावजूद क्या कॉल ड्रॉप होनी बंद हो गई?
अब जरा फ्री के माल की भी बात हो जाए। कितने लोगों को याद होगा कि वोडाफोन ने दिवाली में एक एसएमएस करने पर 400 एमबी की स्कीम चलाई थी। एयरसेल का कनेक्शन लेने पे 65केबीपीएस की स्पीड पर तीन महीने के लिए फ्री इंटरनेट एक्सेस मिलती है। फ्री की या बहुत कम पैसे में इंटरनेट की सुविधा अभी भी मिल रही है। वैसे फ्री का एक फंडा और है जो पिंटू पंडित की कहानी से ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा। गांव में रहने वाले पिंटू पंडित ( Ajay Tiwari) को रीचार्ज महंगा पड़ता है और नए सिम पर मिलने वाली स्कीम का रीचार्ज सस्ता। तो वो हर रीचार्ज पर सिम बदल देते हैं। इंटरनेट वाली बात अभी उन्हें शायद पता नहीं है नहीं तो वो हर तीसरे महीने सिम बदलेंगे और साल में चार सिम बदलकर फ्री नेट यूज करेंगे।
इंटरनेट के इस यूज पर कंपनी कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि उसे तो अपनी स्कीम चलानी है। सिम का रेट कितना सस्ता होता है ये हम सभी जानते हैं। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं है बल्कि बांग्लादेश, अफ्रीका सहित बहुतेरे देशों में मोबाइल कंपनियां इस तरह की स्कीम देती हैं। हमारे देश में इतना सबकुछ है तो फेसबुक स्पेशली अपनी टांग काहे अड़ा रहा है और फ्री के नाम का गोरखधंधा काहे कर रहा है। मार्क की नाक पर मक्खी की तरह जड़े निखिल भाई पूछते हैं कि चच्चा एक बात बताओ, फ्री बेसिक्स में सिर्फ सौ साइट ही काहे? बाकी सब का गुनाह किए रहे कि उनको नहीं देखा रहे हैं? सीधी बात है कि इंटरनेट फ्री होना है या नहीं होना है, ये मोबाइल कंपनियों का काम है न कि फेसबुक का!
(जारी...)
अब जरा फ्री के माल की भी बात हो जाए। कितने लोगों को याद होगा कि वोडाफोन ने दिवाली में एक एसएमएस करने पर 400 एमबी की स्कीम चलाई थी। एयरसेल का कनेक्शन लेने पे 65केबीपीएस की स्पीड पर तीन महीने के लिए फ्री इंटरनेट एक्सेस मिलती है। फ्री की या बहुत कम पैसे में इंटरनेट की सुविधा अभी भी मिल रही है। वैसे फ्री का एक फंडा और है जो पिंटू पंडित की कहानी से ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा। गांव में रहने वाले पिंटू पंडित ( Ajay Tiwari) को रीचार्ज महंगा पड़ता है और नए सिम पर मिलने वाली स्कीम का रीचार्ज सस्ता। तो वो हर रीचार्ज पर सिम बदल देते हैं। इंटरनेट वाली बात अभी उन्हें शायद पता नहीं है नहीं तो वो हर तीसरे महीने सिम बदलेंगे और साल में चार सिम बदलकर फ्री नेट यूज करेंगे।
इंटरनेट के इस यूज पर कंपनी कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि उसे तो अपनी स्कीम चलानी है। सिम का रेट कितना सस्ता होता है ये हम सभी जानते हैं। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं है बल्कि बांग्लादेश, अफ्रीका सहित बहुतेरे देशों में मोबाइल कंपनियां इस तरह की स्कीम देती हैं। हमारे देश में इतना सबकुछ है तो फेसबुक स्पेशली अपनी टांग काहे अड़ा रहा है और फ्री के नाम का गोरखधंधा काहे कर रहा है। मार्क की नाक पर मक्खी की तरह जड़े निखिल भाई पूछते हैं कि चच्चा एक बात बताओ, फ्री बेसिक्स में सिर्फ सौ साइट ही काहे? बाकी सब का गुनाह किए रहे कि उनको नहीं देखा रहे हैं? सीधी बात है कि इंटरनेट फ्री होना है या नहीं होना है, ये मोबाइल कंपनियों का काम है न कि फेसबुक का!
(जारी...)
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