Monday, November 27, 2017

भारतदेश की पुड़िया मंदिर कथा- हाथ जोड़ पालथी मार पढ़ना

तीन चार दशक पहले की कथा है। भारतवर्ष में डकैतों का एक नामी गिरोह हुआ करता था। इस गिरोह की खास बात यह थी कि यह पहले ठगी करता था, फिर ठगे हुए लोगों के घर में घुसकर दिन दहाड़े डकैती डाला करता था। गिरोह के पास ठग विद्या की जो पुड़िया थी, उसमें बस एक ही सुंघनी थी। डकैती लायक कोई भी शख्स जब इन्हें दिखता, फट ये गिरोह या गिरोह का मुखिया वह पुड़िया खोलकर उसे दिखाने लगता।

आरंभ में तो लोग इस पुड़िया को देखते, सूंघते और फिर पुड़िया से निकली ठगी में लसकर उसका गुणगान करते-करते अपना सबकुछ डकैतों के हवाले कर देते। जब डकैतों ने राह चलते लोगों पर पुड़िया का यह असर होते देखा तो उनकी हिम्मत बढ़ी। अब वह पुड़िया लेकर देश के घर घर पहुंचते, पुड़िया दिखाते और डकैती डालकर अगले घर का रुख करते। ऐसा करते करते इन डकैतों ने पुड़िया को भगवान बना दिया और लोगों को पुड़िया मंदिर बनाने का सपना दिखाने लगे। पुड़िया के नशे में झूमते लोगों को भी चहुंओर पुड़िया मंदिर दिखाई देने लगा। इधर डकैतों ने पुड़िया मंदिर का सपना दिखाकर अपना खजाना भर लिया और चुप हो गए।

कुछ दिन बाद डकैतों के मुखिया को उसके सहयोगी ने सूचना दी कि खजाना खाली होने वाला है और स्वर्ण मुद्राएं तो चूहे कुतर गए। यह सुनकर डकैतों का मुखिया हौले से मुस्कराया। उसने जेब से वही पुरानी मुड़ी-तुड़ी पुड़िया निकाली और सहयोगी से बोला- इसे राजप्रासाद के कंगूरे पर चढ़कर लोगों को दिखाओ। जैसे ही लोगों को पुड़िया दिखेगी, उनके मन में उसी पुराने नशे की आकांक्षा प्रबल हो उठेगी और हमारी पुड़िया फिर से काम कर जाएगी।

पुड़िया दिखाकर खजाना भरते-भरते इन डकैतों को तीन दशक बीत गए। तीन दशक तक लोग जब कुछ भी पूछते, कुछ भी कहते तो उन्हें वही पुरानी पुड़िया दिखा दी जाती। तीन दशक के बाद जब लोगों को पुड़िया सूंघने की लत कुछ यूं लगी कि सूंघना या न सूंघना बराबर लगने लगा। इधर डकैतों का खजाना फिर से खाली होने लगा था।

डकैतों के चिंतातुर मुखिया ने यह देख जेब से वही मुड़ी-तुड़ी पुड़िया निकाली तो देखा कि उसमें तो उन ईंटों का मलबा भरा है, जो उसने पुड़िया मंदिर के निर्माण के लिए दान में ठगी थीं। अब मलबे से मंदिर तो नहीं बनने वाला, मगर किसी को यह नहीं पता था कि पुड़िया के अंदर मलबा भरा है। उसने पुड़िया की पुड़िया देने के लिए उसका प्रदर्शन करने के लिए राजधानी से दूर पुड़िया धर्म सभा आयोजित कराई।

इस धर्मसभा में देश भर के डकैतों का आगमन हुआ। मुखिया डकैत द्वारा बहला फुसलाकर घर से भगाई गई स्त्रियों ने सभी डकैतों के चरण कमल धुले, दबाए और डार्शीवाद लिया। देश के सरकारी सेवाओं ने पुड़िया सभा का सीधा प्रसारण किया। बस यहीं पर डकैतों से चूक हो गई। हुआ यूं कि जब डकैत मुखिया ने जेब से मलबों भरी पुड़िया निकाली और दिखाने के लिए दोनों हाथों में रखकर उसे ऊपर किया, ईंट का एक टुकड़ा टप से नीचे गिर पड़ा। भांग के नशे में झूमते दूसरे डकैतों को तो यह नहीं दिखा, मगर सरकारी सेवाओं के कैमरों से भला यह कहां छुपने वाला था।

देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया कि पुड़िया में मंदिर नहीं बल्कि उसका मलबा है। जिन लोगों ने पुड़िया के बारे में सुना भर था, वह मलबा मलबा चिल्लाने लगे और जिन्होंने पुड़िया गलती से भी सूंघ ली थी, वह मंदिर के बहाने बनाने लगे। इस बीच दूसरे राज्य से आए प्रतिगमन मिश्रा ने डकैत मुखिया को पीछे से एक टीप मारी और पूछा- दिखता नहीं क्या गिरा रहे हो? डकैत मुखिया बोला- हमारा काम गिरा देना है, यह देखना नहीं कि क्या गिरा, कौन गिरा और कितना गिरा। संयोग से यह वार्तालाप भी सरकारी चैनल पर प्रसारित हो गया।

अब तो जितने गिरे दबे कुचले लोग थे, उनमें जांबियों की आत्मा आ गई। वह धीमे-धीमे उठने लगे, उठकर खड़े होने लगे, खड़े होकर चलने लगे और चलकर पूछने लगे। सबको पुड़िया चाहिए थी, मगर पुड़िया में मलबा था, यह भी सबको पता था। देखते ही देखते पुड़िया देने वाला डकैत मुखिया जांबियों से घिर गया। उसका क्या हुआ? उसका क्या होगा जैसे सवालों के जवाब उन्हीं जांबियों के पास हैं, जो आज भी पुड़िया मांग रहे हैं।

Friday, November 24, 2017

बेटे के लिए कंडोम बनाने की रेसिपी

सामग्री- 
नाइन जीरो टू एंड अ क्वार्टर कंडोम- पांच पीस
वॉटर जेली-पचास ग्राम 
स्ट्रॉबेरी ऐसेंस- दो 
लाइम ऐसेंस- एक 
चॉकलेट ऐसेंस- पचास ग्राम 
नमक- नमक नहीं डालना है। यूजर अपना अपना नमक लेकर खुद चलते हैं।
टॉपिंग्स के लिए- पांच वियाग्रा
लपेटने के लिए टीश्यू पेपर
विधि- सबसे पहले बाथरूम में रखी बाल्टी उल्टी करके कमोड के सामने रख लें। अपनी चड्ढी पहन लें क्योंकि आपको अपने हाथ से 'वो' नहीं करना, बल्कि 'ये' करना है। अब कंडोम का पैकेट खोलें।
ध्यान रहे, कंडोम खोलने के बाद आपको उत्तेजित नहीं होना है और न ही वापस कमोड की दिशा में ध्यान लगाना है। कमोड से कंडोम तक की इस यात्रा में आपको अपनी निगाह हमेशा कंडोम के उस शिखर पर टिकाए रखनी है, जहां पहुंचने के लिए आप यह डिश बनाने जा रहे हैं।
Photo not for wearing or shaking.
अब बाल्टी की तली में पचास ग्राम वॉटर जेली डालें। अगर अलग अलग स्वाद के कंडोम बनाने हैं तो बाल्टियां भी अलग अलग लगेंगी। जेली में दो बूंद स्ट्रॉबेरी ऐसेंस डालें। अगर आपका बेटा कुछ-कुछ खट्टा और कुछ-कुछ मीठा पसंद करता है तो उसमें लाइम ऐसेंस भी डालें।
अगर बेटे को स्ट्रॉबेरी चॉकलेट फ्लेवर एक साथ देना चाहते हैं तो पहले कंडोम को स्ट्रॉबेरी एसेंस में रैप करना होगा, उसके बाद चॉकलेट में अलग से। इस तरह से पहले चॉकलेट का स्वाद आएगा, उसके बाद स्ट्रॉबेरी का। एंड देन योर सन विल बी फाइनली रेडी टू पॉप द चेरी। बट इफ योर सन इज नॉट सीरियस अबाउट पॉपिंग द चेरी, ही कैन डू समथिंग एल्स। टेल हिम दैट दुनिया का बड़ा हिस्सा बरमूडा ट्रायंगल्स में ही दफन होता रहा है।
अब आपके सामने उल्टी बाल्टी में भरी वॉटर जेली रखी हुई है। एक एक कांडोम निकालें और जेली में डुबो डुबोकर तीन तीन तह लगाकर टीश्यू पेपर पर रखते जाएं। जब पांचो कंडोम हो जाएं तो आप उनपर वियाग्रा की टॉपिंग लगा सकते हैं।
इसके बाद टीश्यू पेपर लपेटकर एक एक कंडोम सिल्वर फ्वाइल में लपेटकर रख दें। दिन भर के लिए पांच कंडोम काफी रहेंगे।
अगले दिन के लिए एक बार फिर से बाथरूम में खुद को बंद कर लें। इस रेसिपी की वीडियो न बनाएं। बस इतना करें कि जब तीन तह के कंडोम पर वियाग्रा की टॉपिंग लगा दें तो एक फोटो मुझे व्हाट्सएप्प कर दें।