Saturday, August 18, 2012

अंदर घर करती दीवारें

खिडकी के बाहर का आसमान, खिडकी तक ही रहता है। और दीवारें... वो तो अंदर तक घर कर जाती हैं। लिखना उन दीवारों पर कलम से तो कभी कभी पेंसिल से। एक गोला बनाना उनपर और गोला बनाकर उसमें घर कर जाना।
सुपर आनंद दायक फोटो सौजन्‍य दैनिक जागरण कश्‍मीर। 
कमबख्‍त दीवारें। कमजर्फ दीवारें। चुगलखोर दीवारें। बाहर का खुला आसमान इन दीवारों को पाटना चाहता है। अहसास दिलाना चाहता है इन्‍हें.... खुरदुरी सख्‍त परतों को बादल सहलाते हैं। आसमान दिल्‍ली की बेमुरव्‍वत गर्मी से तर हो चुकीं इन दीवारों को मुलायमियत देना चाहता है।
अजीब अजाब है कि देने से कोई लेता नहीं। अजीयत है कि शक-ओ-शुब्‍ह की तीखी नजरें हर वक्‍त कुछ यूं पीछे पड जाती हैं कि मानों वक्‍त ठहर गया हो और चीजें स्‍लो मोशन में कभी इधर तो कभी उधर जा रही हों। पेंडलुम से भी धीमी।
इस बार मैगजीन में तुम्‍हारी जो तस्‍वीर आई, उसमें जर्दा ज्‍यादा महक रहा है। और काजल...वो तो हर वक्‍त बहने को तैयार क्‍यों रहता है। जर्दे की महक और काजल के बहने के बीच की तर बतर दीवार.... आसमान भी नहीं पाट पाया है।
चीजों में आसानी चाहना कितना मुश्किल है, ये तो उस आसानी की तलाश में पता चलता है। पर हर चीज आसान हो, क्‍या ये मुमकिन है। क्‍या ये मुमकिन होगा।
आखिर क्‍यों कल्‍पना की जाए कि कोई मेट्रो में सवार होगा। (वैसे कल्‍पनाओं का यह दौर डीटीसी के स्‍वर्णिम काल से जारी है।)
एक बात बताना। उस कविता और इस कहानी के बीच दीवार खडी कैसे हुई। वैसे दीवार तो हमेशा से ही थी कविता और कहानियों के बीच। शब्‍दों की, मात्राओं की। पूर्ण और अल्‍प विरामों की इतनी बडी और इतनी ऊंची दीवार खडी हो चुकी है कि .... 

Sunday, August 12, 2012

कृष्ण जन्माष्टमी पर निकाली शोभा यात्रा



जन्‍माष्‍टमी हमारे यहां भी मनाई गई। यात्रा सात्रा निकाली गई, लोग नाचे गाए, परसाद खाके निकल लिए। फोटूगाफर फोटू ले आए औ का जनी कौन खबर लिख दिया। ओरिजनल स्क्रिप्‍ट देखिए, एका सुधारना है अभी...


श्री कृष्ण जन्माष्टमी शोभा यात्रा कमेटी द्वारा 18 वीं वासुदेव श्री कृष्ण भगवान की शोभा यात्रा यादव पंचायती धर्मशाला से शुरू हुआ। जो महानगर के दुर्ग मंदिर, कोर्ट रोड, गुरहïट्टी, गंज बाजार, कोतवाली होते हुए शिव मंदिर बाला की सराय में आकर समाप्त हो गयी।
झांकी में भगवान कृष्णा का जन्म, बासुदेव द्वारा भगवान कृष्ण को यमुना नदी पार करते हुए दिखाया गया था। इसके अलावा करन अजुर्न का युद्ध, महाकाली का अखाड़ा, राजस्थानीय डांडिया, शेष नाग पर राधा कृष्ण सवार आदि झांकियां थी।
झांकी का उद्घाटन पार्षद मंजू यादव ने फीता काट कर किया। रास्ते में झांकी का यादव युवा संघ, शिव बेड़ा समिति, नव युवक कांवड़ बेडा समिति, चित्रांश महासभा द्वारा स्वागत किया गया। शोभा यात्रा को सफल बनाने में ओम प्रकाश यादव, हेमंत यादव, ओम प्रकाश, योगेंद्र यादव, जय प्रकाश यादव, योगेश, राजेश, तुलसी राम यादव, महेश चंद्र, केसरी प्रसाद, सीता राम, प्रेम नाथ यादव, विक्की यादव, संजय यादव आदि मौजूद थे।