Monday, February 22, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 46

प्रश्‍न: नूडल्‍स खाते हैं?
उत्‍तर: तुमको काहे बताएं बे?
प्रश्‍न: सामान्‍य सा सवाल है!
उत्‍तर: तुम भो*** के उसमें भी राजनीति घुसेड़ोगे!!
प्रश्‍न: खाने में कौन सी राजनीति?
उत्‍तर: देखा... देखा भो*** के!!
प्रश्‍न: क्‍या देखा?
उत्‍तर: लाए ना तुम उसे खाने पे??
प्रश्‍न: मैनें सिर्फ नूडल्‍स खाने का पूछा?
उत्‍तर: तुम पूछते नहीं ठूंसते हो!
प्रश्‍न: क्‍या?
उत्‍तर: नूडल्‍स बेटी***, और क्‍या?
प्रश्‍न: मैनें नूडल्‍स पूछा ही तो?
उत्‍तर: मन तो तुम्‍हारा गोमाता का पूछने का था!
प्रश्‍न: नहीं, बि‍लकुल नहीं था!
उत्‍तर: था हरामी, तुम्‍हरी रग-रग पहि‍चानते हैं!!
प्रश्‍न: गाय आपकी माता है?
उत्‍तर: नहीं भो*** के, बैल तुम्‍हरा बाप है!!
प्रश्‍न: आप हंसते हैं कभी?
उत्‍तर: है कोई मादर*** जो हमें रोक के दि‍खाए!!
प्रश्‍न: हंसने से?
उत्‍तर: नहीं चूति‍ये, तुम्‍हरी गां*** मारने से!!
प्रश्‍न: आप होमोसेक्‍सुअल हैं?
उत्‍तर: बोलो भारत माता की जै!
प्रश्‍न: बताइये ना!!
उत्‍तर: बोल भो*** के- भारत माता की जै!
प्रश्‍न: हंसने से आपको कौन रोकता है?
उत्‍तर: तुम बेटी***। बोल वंदे मातरम!!
प्रश्‍न: मैं ड्यूटी पर हूं!!
उत्‍तर: मैं भी ड्यूटी पर हूं, बोल बहि‍न*** - भारत माता की जै!
प्रश्‍न: उससे क्‍या हो जाएगा?
उत्‍तर: तुम देशद्रोही हो मादर***!!
प्रश्‍न: भारत माता की जै बोलने से क्‍या होगा?
उत्‍तर: बोल नहीं त ई माइकवा तुम्‍हरी गां*** में डाल देंगे!!
प्रश्‍न: भारत माता की जै!
उत्‍तर: डर गए भो*** के?
प्रश्‍न: जी, एक छोटा बच्‍चा है मेरा!
उत्‍तर: उसकी भी गां*** जल्‍दीये टूटेगी!!
प्रश्‍न: उसकी क्‍यों?
उत्‍तर: तुम्‍हरी औलाद है ना!
प्रश्‍न: पर वो मेरे साथ नहीं है
उत्‍तर: मादर**, बीज तो तुम्‍हरा ही है ना?
प्रश्‍न: मेरे बच्‍चे से आपकी क्‍या दुश्‍मनी है?
उत्‍तर: तुम साले देशद्रोही हो!!
प्रश्‍न: मैनें क्‍या देश से द्रोह कि‍या है?
उत्‍तर: तुम बेटी*** हमारी बुराई करते हो!
प्रश्‍न: आपकी बुराई देशद्रोह है?
उत्‍तर: भारत माता की जै कहने वालों की बुराई देशद्रोह है!
प्रश्‍न: ये देशद्रोह का नया सर्टिफि‍केट है?
उत्‍तर: बगैर अपनी मा चु***** तुम मानोगे नहीं!
प्रश्‍न: अब ये क्‍या बात हुई?
उत्‍तर: कचेहरी में दांत तोड़े थे, दर्द होता है का?
प्रश्‍न: जी होता है
उत्‍तर: अब और होगा!!
प्रश्‍न: कैसे?
उत्‍तर: जब रोज प्रेम से सहलाएंगे (गाल पकड़कर दबाते हुए...)

- Umar Khalid के पि‍ता और मेरे दोस्‍त Tarique Anwar जो कचेहरी में एक वकील को ही बचाने में वकीलों की पि‍टाई में अपना दांत गंवा बैठे... उनके लि‍ए।

Sunday, February 21, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 45

प्रश्‍न: ये ति‍रंगे में तीन रंग क्‍यों होते हैं?
उत्‍तर: तुम चूति‍या हो!
प्रश्‍न: ये सवाल का जवाब नहीं!!
उत्‍तर: अबे ति‍रंगे में तीन रंग नहीं होते हैं!
प्रश्‍न: तो कि‍तने होते हैं?
उत्‍तर: ति‍रंगे में चार रंग होते हैं!
प्रश्‍न: चार क्‍यों होते हैं?
उत्‍तर: अबे तीन अशुभ होता है ना!
प्रश्‍न: आप ति‍रंगे को शुभ मानते हैं?
उत्‍तर: तुम्‍हरी तरह देशद्रोही थोड़े हैं?
प्रश्‍न: पहले तो आप इसे कलंक मानते थे?
उत्‍तर: भारत माता की जै!!
प्रश्‍न: बताइये ना, पहले तो कलंक था!!
उत्‍तर: कलंक तो तुम हो भो*** के!!
प्रश्‍न: वो कैसे??
उत्‍तर: जो ति‍रंगे पे सवाल उठाएगा, देशद्रोही बन जाएगा!!
प्रश्‍न: आपने ही कहा था कि ये हिंदुओं का झंडा नहीं?
उत्‍तर: हरा हटा दो!
प्रश्‍न: हरा हटाने से क्‍या होगा?
उत्‍तर: हिंदुओं का हो जाएगा!
प्रश्‍न: लेकि‍न हरा कभी नहीं हटेगा!
उत्‍तर: हटेगा!
प्रश्‍न: राष्‍ट्रध्‍वज नहीं बदल सकता!
उत्‍तर: पीएम बदल दि‍या भो** के!!
प्रश्‍न: पीएम राष्‍ट्र नहीं है!!
उत्‍तर: राष्‍ट्र नहीं है त का मुहल्‍ला है बहि‍न***!!
प्रश्‍न: प्रधान सेवक है!!
उत्‍तर: गां** में दम हो तो करा के देखो एक बार!!
प्रश्‍न: क्‍या?
उत्‍तर: सेवा और का? गां*** तोड़ दी जाएगी तुम्‍हारी!
प्रश्‍न: आप तो ति‍रंगे को देश के लि‍ए घातक मानते थे?
उत्‍तर: बहुत जल्‍द हरा हटाएंगे!
प्रश्‍न: सफेद और काले का क्‍या करेंगे?
उत्‍तर: कटुओं की गां**** कि‍स दि‍न काम आएगी?
प्रश्‍न: तब तो ति‍रंगा ही नहीं रहेगा!
उत्‍तर: पूरा देश का नि‍शान एक रंग का होगा!
प्रश्‍न: कि‍स रंग का?
उत्‍तर: संतरा देखे हो?
प्रश्‍न: नागपुरी?
उत्‍तर: बेटी*** अब संतरा सब जगह मि‍लता है!
प्रश्‍न: नागपुरी फेमस है?
उत्‍तर: काहे नहीं होगा.. पूरा देश में सप्‍लाई करते हैं!!
प्रश्‍न: नफरत और गाली गलौच?
उत्‍तर: ये सब तुम्‍हारी हरकत है!
प्रश्‍न: मैनें कभी गाली गलौच नहीं की!
उत्‍तर: मुंह धो के आओ भो*** के, फि‍र बात करना!
प्रश्‍न: नागपुर में ति‍रंगा क्‍यों नहीं लगाया?
उत्‍तर: क्‍यों नहीं लगाया??
प्रश्‍न: आप बताइये क्‍यों नहीं लगाया?
उत्‍तर: पाकि‍स्‍तान में ति‍रंगा क्‍यों नहीं लगाया?
प्रश्‍न: ये सवाल का जवाब नहीं!
उत्‍तर: कश्‍मीर में क्‍यों नहीं लगाया?
प्रश्‍न: ये भी जवाब नहीं!
उत्‍तर: अपनी गां*** में क्‍यों नहीं लगाया?
प्रश्‍न: वहां नहीं लगाया जाता!
उत्‍तर: हम तो लगाते हैं!
प्रश्‍न: कैसे?
उत्‍तर: झुको!
प्रश्‍न: मतलब अब राष्‍ट्रीय झंडा भगवा होगा?
उत्‍तर: अंधे की झां*** दि‍खता नहीं बे?
प्रश्‍न: अशोक चक्र कहां जाएगा ?
उत्‍तर: अबे इतनी बड़ी गां*** लेके घूमते हो!
प्रश्‍न: भगवा क्‍या हिंदुओं का रंग है?
उत्‍तर: तुम जैसे गद्दारों को नहीं दि‍खेगा!
प्रश्‍न: फि‍र चटक लाल और काले का क्‍या होगा?
उत्‍तर: हे हे हे.... सही बताओ क्‍या करते हो जो इत्‍ती बड़ी हो गई?
प्रश्‍न: कुछ नहीं!
उत्‍तर: एक बार हमारे पास भी आ जाओ!
प्रश्‍न: आप तो एलजीबीटी राइट्स के वि‍रोधी हैं!
उत्‍तर: तुम चूति‍या हो!
प्रश्‍न: वो कैसे?
उत्‍तर: ई वि‍रोध हम खांग्रेसि‍यों से सीखे!
प्रश्‍न: अब तो मैं हूं चूति‍या!!
उत्‍तर: तो आओ लल्‍ला, खोलो गल्‍ला!! 

Thursday, February 18, 2016

नमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 44

प्रश्‍न: आप दाएं बाएं क्‍यों भागते हैं?
उत्‍तर: यही सि‍खाया है!
प्रश्‍न: कि हमेशा दाएं बाएं ही भागते रहना है?
उत्‍तर: अबे सीधे भागने पे लोग नि‍शाना लगा लेते हैं!!
प्रश्‍न: अभी तो आप सबपे लगा रहे हैं!!
उत्‍तर: तुम लोग ढक्‍कन हो!
प्रश्‍न: वो कैसे?
उत्‍तर: तुम भी दाएं बाएं भागो!
प्रश्‍न: और अगर सीधे चले तो?
उत्‍तर: सीधे-सीधे त तुम कोर्ट नहीं जा सकते!
प्रश्‍न: राष्‍ट्रवादि‍यों की नई लि‍स्‍ट आ गई!
उत्‍तर: हमारे यहां न दे है न अंधेर!
प्रश्‍न: मुफ्ती नंबर वन पर हैं!
उत्‍तर: सबसे पहले पापा कौन बोला?
प्रश्‍न: लगता तो नहीं कि उनने बोला!
उत्‍तर: पापा बोला तो गया!
प्रश्‍न: आपने बोला!
उत्‍तर: लोकतंत्र है, कोई कुछ भी बोल सकता है!
प्रश्‍न: तो जेएनयू वाले क्‍यों नहीं बोल सकते?
उत्‍तर: माओवादी नहीं बोल सकते!
प्रश्‍न: अफजल गुरु के समर्थक तो बोल सकते हैं?
उत्‍तर: घर में घुसकर मारेंगे!!
प्रश्‍न: कश्‍मीर में घर घर में हैं!
उत्‍तर: जभी सेना हर घर में घुसी है!
प्रश्‍न: आदि‍वासि‍यों के भी घर घर में घुसी है!
उत्‍तर: ऊ तो पैइदाइसी नक्‍सली होते हैं!
प्रश्‍न: नॉर्थ ईस्‍ट में भी यही हाल है!
उत्‍तर: चिंकी साले बड़े हरामी..सब चीन से मि‍ला हुआ है!
प्रश्‍न: कि‍स कि‍स को मारेंगे?
उत्‍तर: पहले तुम बताओ बहि‍न***, हमारा आदमी क्‍यों मारा?
प्रश्‍न: नाजायज औलादें सिर्फ आप नहीं हैं!
उत्‍तर: एक सीधा आदमी पाया तो पेल दि‍या भो*** के?
प्रश्‍न: मैनें कहा ना, दोनों तरफ हैं नाजायज औलादें!
उत्‍तर: तुम कि‍स तरफ हो बेटी***?
प्रश्‍न: मैं इस तरफ हूं!
उत्‍तर: इस कि‍स तरफ बुड़बक?
प्रश्‍न: अपनी तरफ, आप कि‍स तरफ हैं?
उत्‍तर: हम भी अपनी तरफ हैं!
प्रश्‍न: अभी तो आप उनकी तरफ थे!
उत्‍तर: हम हमेशा उनकी ही तरफ हैं बेटी***!
प्रश्‍न: नकल में तो अकल लगाया करि‍ए!
उत्‍तर: सुनो भो** के, हमको तुम तो न ही सि‍खाओ!
प्रश्‍न: आपको मैं सि‍खा भी नहीं सकता!
उत्‍तर: भारत माता की जय!!
प्रश्‍न: आप को इसके अलावा कुछ आता है?
उत्‍तर: हां आता है!
प्रश्‍न: क्‍या आता है?
उत्‍तर: तेरी मां की चू*** !!
प्रश्‍न: ये तो सब जानते हैं, इसके अलावा क्‍या?
उत्‍तर: जो हिंदू हि‍त की बात करेगा, वही जहां पे राज करेगा!!
प्रश्‍न: ओबामा तो नहीं करते!
उत्‍तर: तभी तो अमरीका भी हाथ से नि‍कल रहा है!
प्रश्‍न: उनने तो वीजा भी नहीं दि‍या!
उत्‍तर: हमने तो ले लि‍या बेटी***!!
प्रश्‍न: वो पद को मि‍ला!
उत्‍तर: हर हर बम बम!!!
प्रश्‍न: जि‍न्‍ना क्‍यों बना रहे हैं?
उत्‍तर: चूति‍या बना रहे हैं भो*** के, अब नि‍कल लो पतली गली से!! 

Wednesday, February 17, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 43

प्रश्‍न: आप टैक्‍स भरते हैं?
उत्‍तर: तुम्‍हरी तरह चोर नहीं हैं बे!!
प्रश्‍न: पूरा भरते हैं?
उत्‍तर: तुम्‍हरी तरह चूति‍या नहीं हैं बे!!
प्रश्‍न: मतलब?
उत्‍तर: घर फूंक तुम तमाशा देखो
प्रश्‍न: पूरा टैक्‍स भरना घर फूंकना है?
उत्‍तर: पहले अंबानी से बोलो!
प्रश्‍न: क्‍या बोलूं?
उत्‍तर: कि पूरा टैक्‍स भरे!
प्रश्‍न: आपकी सरकार है, भूल गए?
उत्‍तर: अब तुम हमको याद दि‍लाओगे बहि‍न***??
प्रश्‍न: आप क्‍यों नहीं बोलते अंबानी से?
उत्‍तर: हम सीधे करते हैं!
प्रश्‍न: क्‍या करते हैं?
उत्‍तर: दि‍ख नई रहा, करके दि‍खाएं फि‍र से?
प्रश्‍न: जैसे कचेहरी में करते हैं?
उत्‍तर: अबे तुम्‍हरे साथ तो उससे भी अच्‍छा करेंगे!
प्रश्‍न: कचेहरी में कि‍ए पर जरा भी शर्म नहीं?
उत्‍तर: हमें अफसोस है।
प्रश्‍न: क्‍या अफसोस है?
उत्‍तर: बच गया मादर***!!
प्रश्‍न: कचेहरी में भी आपको कानून का डर नहीं?
उत्‍तर: कचेहरी में कैसा डर गधे?
प्रश्‍न: कोर्ट और जज से भी डर नहीं?
उत्‍तर: होनोलूलू से आए हो का?
प्रश्‍न: नहीं, अजरबैजान से!
उत्‍तर: ये कहां है?
प्रश्‍न: इसी दुनि‍या में है!
उत्‍तर: अच्‍छा। बोलना मि‍ले हमसे।
प्रश्‍न: वो क्‍यों मि‍ले?
उत्‍तर: अच्‍छे दि‍न सप्‍लाई कर रहे हैं!
प्रश्‍न: क्‍यों, आपके पास ज्‍यादा हो गए क्‍या?
उत्‍तर: वादा कि‍या था वादा!
प्रश्‍न: यही हैं वादे वाले अच्‍छे दि‍न?
उत्‍तर: अबे अभी और देखना!
प्रश्‍न: और क्‍या?
उत्‍तर: अभी तो और भी अच्‍छे दि‍न आ रहे हैं!
प्रश्‍न: क्‍या होगा उन अच्‍छे दि‍नों में?
उत्‍तर: अफसोस तो बि‍लकुल नहीं होगा!
प्रश्‍न: 15 लाख मि‍लेंगे?
उत्‍तर: लात खाओगे?
प्रश्‍न: ये वो वाले अच्‍छे दि‍न नहीं क्‍या?
उत्‍तर: हि‍साब आता है?
प्रश्‍न: इसका सवाल से क्‍या मतलब?
उत्‍तर: सफाई होगी तो सब बंटेगा ना!
प्रश्‍न: कि‍सकी सफाई?
उत्‍तर: तुम सबकी सफाई बेटी***!!
प्रश्‍न: और बांटेंगे क्‍या?
उत्‍तर: सफाई से जो बचेगा!
प्रश्‍न: ऐसी सफाई में कौन बचेगा?
उत्‍तर: जो पापी नहीं होगा!
प्रश्‍न: और पापी तो सब हैं?
उत्‍तर: सब नहीं हैं!
प्रश्‍न: सब कौन नहीं हैं?
उत्‍तर: जो पापा कहते हैं, वो पापी नहीं हैं! 

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 42

प्रश्‍न: अब तो शत्रुदा बोले!
उत्‍तर: क्‍या बोले बे?
प्रश्‍न: खामोश!!
उत्‍तर: तो हो जाओ बेटी***!!
प्रश्‍न: क्‍या?
उत्‍तर: खामोश!!!
प्रश्‍न: लेकि‍न उनने तो आपको बोला?
उत्‍तर: चू*** है साला!
प्रश्‍न: और हेमा मालि‍नी?
उत्‍तर: वो तो ड्रीम गर्ल है!
प्रश्‍न: उन्‍हें जो जमीन दी?
उत्‍तर: और कि‍से देंगे बे?
प्रश्‍न: मतलब?
उत्‍तर: आदमी जि‍से चाहता है उसे ही तो देगा?
प्रश्‍न: क्‍या देगा?
उत्‍तर: गि‍फ्ट और क्‍या बेटी***??
प्रश्‍न: यहां भी जनता ने टैक्‍स भरा था?
उत्‍तर: अबे जमीन जेएनयू नहीं है बे!!
प्रश्‍न: तो क्‍या है?
उत्‍तर: झां** है भो*** के!!
प्रश्‍न: आपकी हर चीज वही क्‍यों हो जाती है?
उत्‍तर: सोच बदलो भो*** के, सौचाले नहीं!!
प्रश्‍न: और जो अडानी को दि‍या?
उत्‍तर: हम कि‍सी का अहसान नहीं रखते!
प्रश्‍न: जेएनयू क्‍या है?
उत्‍तर: गश्‍ती अड्डा है, चलो घुमा लाएं!
प्रश्‍न: और जमीन क्‍या है?
उत्‍तर: और चूति‍या क्‍या है?
प्रश्‍न: सवाल का जवाब दीजि‍ए!
उत्‍तर: तुम सवाल का जवाब दो!!
प्रश्‍न: आप भी इंकलाब जिंदाबाद बोलते हैं?
उत्‍तर: हम इस तरफ बोलते हैं!
प्रश्‍न: कि‍स तरफ?
उत्‍तर: गेट के इस तरफ!
प्रश्‍न: और उस तरफ क्‍या बोलते हैं?
उत्‍तर: क्‍या बोलते हैं?
प्रश्‍न: अफजल जिंदाबाद बोलते हैं!
उत्‍तर: झां** बोलते हैं भो** के!
प्रश्‍न: वो तो आप बोलते ही हैं!
उत्‍तर: तुम लोग बोलते हो!
प्रश्‍न: गेट के इस तरफ क्‍या है?
उत्‍तर: जमीन है
प्रश्‍न: और उस तरफ क्‍या है?
उत्‍तर: माओवादी हैं माद***!!
प्रश्‍न: आप भी तो उसी तरफ हैं?
उत्‍तर: कि‍सी के बाप का नहीं है जेएनयू!
प्रश्‍न: आपके बाप का है?
उत्‍तर: सुनो भो** के, मां-बाप पे ना जाना!
प्रश्‍न: फि‍र क्‍यों बंद कराना चाहते हैं?
उत्‍तर: हम क्रांति कर रहे हैं!
प्रश्‍न: जेएनयू बंद कराना क्रांति है?
उत्‍तर: माओवादि‍यों का सफाया क्रांति है!
प्रश्‍न: आपकी क्रांति गेट के बाहर ही क्‍यों होती है?
उत्‍तर: क्रांति की सीमा नहीं होती मुन्‍ना!
प्रश्‍न: कश्‍मीर में क्‍यों नहीं हो रही आपकी क्रांति?
उत्‍तर: कश्‍मीर मांगोगे तो चीर देंगे!
प्रश्‍न: सनी देओल का डायलॉग ना मारि‍ए!!
उत्‍तर: ढाई कि‍लो का मुक्‍का मारें?
प्रश्‍न: नहीं वो अपने पास रखि‍ए!
उत्‍तर: अब ये हाथ उठता है तो उठ जाता है!


नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 41

प्रश्‍न: फि‍र नारे लगे!
उत्‍तर: चुन चुन के मारेंगे!
प्रश्‍न: एक को चुना तो भगत सिंह बन गया!
उत्‍तर: अबकी सबको जि‍न्‍ना बना देंगे!
प्रश्‍न: और जि‍न्‍ना बनाके क्‍या करेंगे?
उत्‍तर: क्‍या करेंगे?
प्रश्‍न: आप बताइये क्‍या करेंगे?
उत्‍तर: जि‍न्‍ना बनाके क्‍या करेंगे?
प्रश्‍न: ये सवाल है मेरा!
उत्‍तर: तो तुम्‍हीं जवाब बताओ!
प्रश्‍न: अरे आप ही ने तो बोला?
उत्‍तर: तुम ये बताओ कि तब क्‍यों नहीं बोले थे?
प्रश्‍न: ये पुरानी ट्रि‍क मुझपर न चलेगी!
उत्‍तर: रुको नई लाते हैं!
प्रश्‍न: आप लोगों को कुछ बनाना ही क्‍यों चाहते हैं?
उत्‍तर: हम देश बना रहे हैं!
प्रश्‍न: ये मारपीट वाला देश?
उत्‍तर: शांति से पहले युद्ध होता है.
प्रश्‍न: मतलब आप युद्ध कर रहे हैं?
उत्‍तर: नहीं। हम पाप मि‍टा रहे हैं!
प्रश्‍न: पाप क्‍या है?
उत्‍तर: जो भी हमें पापा न कहे!!
प्रश्‍न: आपको पापा कहता ही कौन है?
उत्‍तर: पापा नहीं कहा तो हवा में सरकार है क्‍या?
प्रश्‍न: अगली बार कहेंगे?
उत्‍तर: वो पापी होंगे जो पापा नहीं कहेंगे!
प्रश्‍न: पापि‍यों को आप देशद्रोही कहते हैं?
उत्‍तर: बकलं** भो*** के, और क्‍या कहें?
प्रश्‍न: जि‍न्‍ना क्‍यों बना रहे हैं?
उत्‍तर: फि‍र वही बात!
प्रश्‍न: क्‍या फि‍र वही बात?
उत्‍तर: अबे अपने सवाल का खुद जवाब दो!
प्रश्‍न: नारे तो आपने भी लगाए?
उत्‍तर: हमने कोई नारा नहीं लगाया!
प्रश्‍न: वीडि‍यो में साफ दि‍ख रहा है!
उत्‍तर: मेरी झां** दि‍ख रहा है देशद्रोही साले!!
प्रश्‍न: अब मुझे ये तमगा क्‍यों?
उत्‍तर: तुम सब पत्रकार देशद्रोही हो!
प्रश्‍न: सारे कैसे हो जाएंगे?
उत्‍तर: झां*** दि‍खाते हो टीवी पे!
प्रश्‍न: पत्रकार तो सेल्‍फी वाले भी हैं?
उत्‍तर: वही हैं जभी चल रहा है!
प्रश्‍न: न होते तो?
उत्‍तर: पटि‍याला पैग बनाते तुम सबका!
प्रश्‍न: हम वि‍रोध करेंगे!
उत्‍तर: और हम गां** में डंडा देंगे!
प्रश्‍न: आपको लोकतंत्र में एकदम यकीन नहीं?
उत्‍तर: इसीलि‍ए पि‍टते हो!
प्रश्‍न: क्‍या मतलब पि‍टते हैं?
उत्‍तर: ऐसा झां** सवाल पूछोगे तो और क्‍या होगा?
प्रश्‍न: आपका कि‍सी सवाल में यकीन है?
उत्‍तर: हम सवाल में नहीं, जवाब में यकीन रखते हैं!
प्रश्‍न: कैसे जवाब में?
उत्‍तर: दे के दि‍खाएं बोलो तो?
प्रश्‍न: वो आप अपने पास रखि‍ए!
उत्‍तर: भो** के हमको गाली दे रहे हो?
प्रश्‍न: अरे, मैंने कब दी गाली?
उत्‍तर: तुम हमरा डंडा हमें दे रहे हो?
प्रश्‍न: हद है, मैनें कब दि‍या?
उत्‍तर: अभी दि‍या। भो*** के, अब तो तुम लो!! 

Tuesday, February 16, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 40

प्रश्‍न: गद्दार कौन है?
उत्‍तर: तुम हो!
प्रश्‍न: फि‍र भी, बताइये तो सही!!
उत्‍तर: लि‍स्‍ट बना रहे हैं बेटा!
प्रश्‍न: शाहरुख की कार पर पत्‍थर फेंके?
उत्‍तर: शुक्र मनाओ बंदूक नहीं थी!
प्रश्‍न: आप को हत्‍या का अधि‍कार कि‍सने दि‍या?
उत्‍तर: संवि‍धान ने भो*** के!
प्रश्‍न: संवि‍धान कि‍सी को हत्‍या का अधि‍कार नहीं देता!
उत्‍तर: ठीक से पढ़ो। देशद्रोहि‍यों को जिंदा रहने का कोई अधि‍कार नहीं है!
प्रश्‍न: आप कोर्ट नहीं हैं!
उत्‍तर: अच्‍छा  एक बार फि‍र से देखो!!
प्रश्‍न: आप कि‍सी की हत्‍या नहीं कर सकते!
उत्‍तर: अब तक क्‍या उखाड़ लि‍ए बे??
प्रश्‍न: आपको हत्‍या नहीं करने दी जाएगी!!
उत्‍तर: कौन रोकेगा?
प्रश्‍न: जनता रोकेगी!
उत्‍तर: फि‍र वही बात। जनता साली चूति‍या है!!
प्रश्‍न: पहले तो पूजते थे?
उत्‍तर: पूजते तो अब भी हैं
प्रश्‍न: कि‍से?
उत्‍तर: जि‍से पहले पूजते थे।
प्रश्‍न: पूजते क्‍यों हैं?
उत्‍तर: भगवान हैं भो*** के, इत्‍ता भी ना समझते?
प्रश्‍न: उन्‍हें तो कंस कहा जा रहा है?
उत्‍तर: देशद्रोही हैं मादर*** ऐसा कहने वाले!
प्रश्‍न: वो भी इसी देश के हैं!
उत्‍तर: कम्‍युनि‍स्‍टों से पैसे खाए हैं!
प्रश्‍न: कम्‍युनि‍स्‍टों के पास पैसे कहां से आए?
उत्‍तर: हरामि‍यों ने रणवीर सेना से लूटे!
प्रश्‍न: रणवीर सेना आपकी है?
उत्‍तर: हमारे बाप की है बे!
प्रश्‍न: आपका बाप कौन है?
उत्‍तर: ये लाठी और ये लं** देख रहे हो ना?
प्रश्‍न: लाठी में झंठा लपेटते हैं?
उत्‍तर: नहीं भो** के, तुम जैसों की गां** में डालते हैं!
प्रश्‍न: कन्‍हैया कंस संहार करेगा!
उत्‍तर: कन्‍हैया की मा चो** दी जाएगी!
प्रश्‍न: अब तो आइबी भी पीछे हट ली!
उत्‍तर: हम हैं ना!
प्रश्‍न: निर्दोषों को मारेंगे?
उत्‍तर: जो देशद्रोह करेगा, सबको मारेंगे!
प्रश्‍न: और देशद्रोह है क्‍या?
उत्‍तर: जो भी पाकि‍स्‍तान की बात करेगा!
प्रश्‍न: और जो कजाकि‍स्‍तान की करेगा?
उत्‍तर: कजाकि‍स्‍तान क्‍या है?
प्रश्‍न: देश है एक!
उत्‍तर: होगा हमरे लौ** से!!
प्रश्‍न: और जो रोहि‍त की बात करेगा?
उत्‍तर: रोहि‍त का तुम्‍हारा भाई है?
प्रश्‍न: वो वाला नहीं, रोहि‍त वेमुला!
उत्‍तर: वो देशद्रोही था!
प्रश्‍न: कैसे?
उत्‍तर: अंबेडकर की बात करता था!
प्रश्‍न: अंबेडकर वाले देशद्रोही हैं?
उत्‍तर: देश को बांटने वाले सब देशद्रोही हैं!
प्रश्‍न: अंबेडकर वाले कैसे देश बांट रहे हैं?
उत्‍तर: मादर*** को अभी भी आरक्षण चाहि‍ए!
प्रश्‍न: आरक्षण से देश बंट रहा है?
उत्‍तर: अभी देखना, बीस टुकड़े होंगे
प्रश्‍न: कि‍सके?
उत्‍तर: देश के बे, और कि‍सके?
प्रश्‍न: आप रोकेंगे नहीं?
उत्‍तर: हमी रोकेंगे बेटी***।
प्रश्‍न: कैसे?
उत्‍तर: सबकी गां*** में ये लाठी डालके!
प्रश्‍न: लाठी से देश चलाएंगे?
उत्‍तर: कि‍सने नहीं चलाया बे?
प्रश्‍न: लाठी से देश चलता है?
उत्‍तर: दि‍खाई नहीं देता बे चल रहा है!

Monday, February 15, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 39


प्रश्‍न: मि‍स तो बहुत कि‍या होगा मुझे?
उत्‍तर: आओ बेटी***, बस तुम्‍हीं कम थे!!
प्रश्‍न: आजकल आप रॉन्‍ग नंबर डायल कर रहे हैं?
उत्‍तर: हम कभी गलत नंबर नहीं लगाए!
प्रश्‍न: लगाए!!
उत्‍तर: इति‍हास पढ़े हो भो**** के!
प्रश्‍न: इति‍हास तो पूरा गवाह है!!
उत्‍तर: झां*** गवाह है भो** के!!
प्रश्‍न: और गालि‍यों का साक्षी है!
उत्‍तर: गाली डाल देंगे तुम्‍हारी गां** में!
प्रश्‍न: अभी आपने गलत नंबर लगाया!
उत्‍तर: नेटवर्क खराब है बहि‍न***!
प्रश्‍न: आपके गृहमंत्री..
उत्‍तर: हमरी बीवी पे ना जाना हरामी साले!
प्रश्‍न: मैं उनकी बात नहीं कर रहा!
उत्‍तर: करके देखो एक बार..!
प्रश्‍न: सरकारी गृहमंत्री ने तो गलत नंबर लगा दि‍या!
उत्‍तर: कि‍सका, तुमको कैइसे पता बे?
प्रश्‍न: हाफि‍ज़ सईद का। सब जगह छपा है!
उत्‍तर: चूति‍या ना बनाओ भो** के
प्रश्‍न: सईद मोस्‍ट वांटेड की लि‍स्‍ट तक में नहीं है!
उत्‍तर: अबे नई लि‍स्‍ट बन रही है..
प्रश्‍न: अच्‍छा, कौन बना रहा है?
उत्‍तर: हम बना रहे हैं बे, कोनो दि‍क्‍कत?
प्रश्‍न: कौन हैं आपके मोस्‍ट वांटेड?
उत्‍तर: छुपा है का बे? तुम्‍हरी तरह हम छुपा के नहीं करते!
प्रश्‍न: इसीलि‍ए हर बार पकड़े जाते हैं..
उत्‍तर: है किसी की गां*** में दम जो पकड़ के दि‍खाए?
प्रश्‍न: हां है। जनता में है दम
उत्‍तर: जनता साली चूति‍या है!
प्रश्‍न: और आप समझदार हैं?
उत्‍तर: देश चला रहे हैं भो*** के!
प्रश्‍न: बाइ दि वे, देश है क्‍या?
उत्‍तर: सीमा पे जाके देखो, दू मि‍न्‍ट में पता चल जाएगा
प्रश्‍न: देश सीमा पे दि‍खता है?
उत्‍तर: नहीं त का सीटि‍याबाज की झां*** सीमा के अंदर दि‍खेगा?
प्रश्‍न: सीटि‍याबाज से मतलब?
उत्‍तर: साले दाढ़ी रखा के लौंडि‍या फंसाते हो तुम लोग
प्रश्‍न: दाढ़ी तो आपके वो भी रखते हैं?
उत्‍तर: हरामी... नाम लेने में भी तुमको शरम आती है?
प्रश्‍न: जो पूछा, वो बताइये!
उत्‍तर: उनकी दाढ़ी पवि‍त्र है। देखे नहीं कि‍तनी सफेद है?
प्रश्‍न: बूढ़े होने पर हो ही जाती है सफेद
उत्‍तर: बूढ़ा कि‍से बोला बेटी**?
प्रश्‍न: जि‍नकी आप बात कर रहे हैं..
उत्‍तर: लाओ अपनी बहि‍न को, अभी दि‍खा देंगे!
प्रश्‍न: खैर, आपकी लि‍स्‍ट में कौन है?
उत्‍तर: जो भी देश तोड़ने का काम करेगा, सब है
प्रश्‍न: और ये काम क्‍या हुआ?
उत्‍तर: पाकि‍स्‍तान जिंदाबाद नहीं होगा
प्रश्‍न: तो क्‍या मुर्दाबाद होगा?
उत्‍तर: बि‍लकुल। सब मर जाएं कटुए
प्रश्‍न: तो क्‍या पूरा देश मर जाए?
उत्‍तर: अगले साल भारत परमाणु बम गि‍राएगा, देखना
प्रश्‍न: और करोड़ों लोगों को मार देगा?
उत्‍तर: आतंकवादी हैं भो*** के
प्रश्‍न: सब?
उत्‍तर: कटुए और क्‍या होते हैं?
... जारी

Friday, February 12, 2016

इंतजारी हूं, जारी नहीं..

रायता मैं क्‍या बि‍खेरूंगा, मैं खुद में ही इतना बि‍खरा हुआ रायता हूं कि समेटता हूं और फि‍र फि‍र फैल जाता हूं। घबरा जाता हूं लोगों को देखकर और इधर उधर छुपने की कोशि‍श मेरे फैलने को और बि‍खेरती जाती है। सोचता हूं कि इतना फैला दूं इस दुनि‍या में कि अगले दो ढाई सौ सालों तक लोग बस मेरी फैली हुई फि‍सलन को समेटने में सुसहि‍ष्‍णुता से जोर लगा दें, फि‍र भी मेरा फैला हुआ मैं समेट न पाएं। आप कहेंगे कि मैं नकल कर रहा हूं, लेकि‍न असल में मैं क्‍या कर रहा हूं, ठीक ठीक मुझे भी नहीं पता। अच्‍छा होगा कि आप ही कोई बयान जारी कर दें सर ताकि मैं कहीं से तो जारी हो सकूं। अभी जहां हूं, वहां तो सिर्फ फैल ही रहा हूं, जारी नहीं हो पा रहा।

रोज घर से दस गांठ बांधकर चलता हूं और कहीं पहुंचने से पहले ही रास्‍ते में उन्‍हें गुम कर बैठता हूं। कौन कौन सी गांठ कहां कहां से फि‍सल रही है, कौन सी कहां नि‍कल रही है, ईमानदारी से बता रहा हूं, मुझे नहीं पता। पता चल भी नहीं पाता क्‍योंकि फैलना महसूसना इन्‍कार करना है और मैं वाकई फैल रहा हूं। रायता हूं या नहीं, ये भी मुझे ठीक-ठीक नहीं पता, जो पता है वो बस फैलना है। आप लोग घबराते रहि‍ए, अपना लोटा थारी छुपाते रहि‍ए लेकि‍न यकीन भी कि‍ए रहि‍ए मुझपर कि मैं फैल रहा हूं, झूठ बोल रहा हूं।

अब तो जो कुछ भी याद है, वो मेरी फैली हुई फि‍सलन है जहां तक कुछ पहुंचता भी है तो फि‍सलकर फि‍र दूर चला जाता है। बट यू डोंट वरी, यू कैरी ऑन वि‍द स्‍टीफेन किंग। ही इज रि‍यली द किंग ऑफ हॉट एंड सोर रायता यू नो। नो यू डोंट नो। इवेन आइ डोंट नो माईसेल्‍फ एंड आइ डोंट हैव एनी काइंड ऑफ शेल्‍फ। और ये सारी अंग्रेजी भी मुझे समेट नहीं पाती है, ये जानते हुए भी मैं इसे बोलते हुए खुद पर एक डॉट लगाता हूं।

गुनगुनाता हूं वहां कौन है तेरा और खुद को समझाता हूं मुसाफि‍र जाएगा कहां। तेज़ाब वाली माधुरी दीक्षि‍त को मैं सपने में भी नहीं देखता और जिस-जि‍स ने मेरे पैसे मारे हैं, अपनी दाहि‍नी जेब में उनके नाम की लि‍स्‍ट को हर दस मि‍नट बाद उंगली से टहोक लेता हूं। स्‍टीव जॉब्‍स को आज ही मैनें अपने ठेंगे पर रखा है और मार्क जकरबर्ग को ठेठ फ़ैज़ाबादी में तौल के बि‍खेरा है। मिट्टी का नमक मैनें नहीं चखा है और न ही मैनें कोई मरे हुए कवि‍यों का संगठन बनाया है। सुख की तलाश में मैं लौटे हुए घायल को भी देख लेता हूं और एनएसडी में खुश हो होकर जीशान की फोटो के सामने उसकी प्रशंसा भी कर देता हूं।

फि‍र भी, मैं फैल रहा हूं। इंतजारी हूं, जारी नहीं।