Wednesday, February 17, 2016

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें- 42

प्रश्‍न: अब तो शत्रुदा बोले!
उत्‍तर: क्‍या बोले बे?
प्रश्‍न: खामोश!!
उत्‍तर: तो हो जाओ बेटी***!!
प्रश्‍न: क्‍या?
उत्‍तर: खामोश!!!
प्रश्‍न: लेकि‍न उनने तो आपको बोला?
उत्‍तर: चू*** है साला!
प्रश्‍न: और हेमा मालि‍नी?
उत्‍तर: वो तो ड्रीम गर्ल है!
प्रश्‍न: उन्‍हें जो जमीन दी?
उत्‍तर: और कि‍से देंगे बे?
प्रश्‍न: मतलब?
उत्‍तर: आदमी जि‍से चाहता है उसे ही तो देगा?
प्रश्‍न: क्‍या देगा?
उत्‍तर: गि‍फ्ट और क्‍या बेटी***??
प्रश्‍न: यहां भी जनता ने टैक्‍स भरा था?
उत्‍तर: अबे जमीन जेएनयू नहीं है बे!!
प्रश्‍न: तो क्‍या है?
उत्‍तर: झां** है भो*** के!!
प्रश्‍न: आपकी हर चीज वही क्‍यों हो जाती है?
उत्‍तर: सोच बदलो भो*** के, सौचाले नहीं!!
प्रश्‍न: और जो अडानी को दि‍या?
उत्‍तर: हम कि‍सी का अहसान नहीं रखते!
प्रश्‍न: जेएनयू क्‍या है?
उत्‍तर: गश्‍ती अड्डा है, चलो घुमा लाएं!
प्रश्‍न: और जमीन क्‍या है?
उत्‍तर: और चूति‍या क्‍या है?
प्रश्‍न: सवाल का जवाब दीजि‍ए!
उत्‍तर: तुम सवाल का जवाब दो!!
प्रश्‍न: आप भी इंकलाब जिंदाबाद बोलते हैं?
उत्‍तर: हम इस तरफ बोलते हैं!
प्रश्‍न: कि‍स तरफ?
उत्‍तर: गेट के इस तरफ!
प्रश्‍न: और उस तरफ क्‍या बोलते हैं?
उत्‍तर: क्‍या बोलते हैं?
प्रश्‍न: अफजल जिंदाबाद बोलते हैं!
उत्‍तर: झां** बोलते हैं भो** के!
प्रश्‍न: वो तो आप बोलते ही हैं!
उत्‍तर: तुम लोग बोलते हो!
प्रश्‍न: गेट के इस तरफ क्‍या है?
उत्‍तर: जमीन है
प्रश्‍न: और उस तरफ क्‍या है?
उत्‍तर: माओवादी हैं माद***!!
प्रश्‍न: आप भी तो उसी तरफ हैं?
उत्‍तर: कि‍सी के बाप का नहीं है जेएनयू!
प्रश्‍न: आपके बाप का है?
उत्‍तर: सुनो भो** के, मां-बाप पे ना जाना!
प्रश्‍न: फि‍र क्‍यों बंद कराना चाहते हैं?
उत्‍तर: हम क्रांति कर रहे हैं!
प्रश्‍न: जेएनयू बंद कराना क्रांति है?
उत्‍तर: माओवादि‍यों का सफाया क्रांति है!
प्रश्‍न: आपकी क्रांति गेट के बाहर ही क्‍यों होती है?
उत्‍तर: क्रांति की सीमा नहीं होती मुन्‍ना!
प्रश्‍न: कश्‍मीर में क्‍यों नहीं हो रही आपकी क्रांति?
उत्‍तर: कश्‍मीर मांगोगे तो चीर देंगे!
प्रश्‍न: सनी देओल का डायलॉग ना मारि‍ए!!
उत्‍तर: ढाई कि‍लो का मुक्‍का मारें?
प्रश्‍न: नहीं वो अपने पास रखि‍ए!
उत्‍तर: अब ये हाथ उठता है तो उठ जाता है!


No comments: