नतमस्तक मोदक की नाज़ायज औलादें (38)
प्रश्न: पतंग उड़ाई है कभी?
उत्तर: हम समझ रहे हैं!
प्रश्न: क्या समझ रहे हैं?
उत्तर: कि तुम्हें अभी उड़ाने की काहे सूझी?
प्रश्न: सवाल का जवाब तो दीजिए!!
उत्तर: बाजी लड़ाए हैं बे, हलके में लिए हो का?
प्रश्न: जीते कि हारे?
उत्तर: हमसे कौन बेटी***?? जीतेगा बे?
प्रश्न: मांझा जिसका तेज होगा, वो तो..!
उत्तर: अब बेटी*** तुम तो मांझा लूटते थे ना?
प्रश्न: हां!
उत्तर: तो भो*** के, बाजी तो हमी लगाते थे ना!!
प्रश्न: हां, तो?
उत्तर: हां तो सिंपल है!
प्रश्न: क्या सिंपल है?
उत्तर: जो बाजी लगाएगा, ऊ जीतेगा!
प्रश्न: ये आपका सिद्धांत है?
उत्तर: अबे भो**** के, ये दुनिया का सिद्धांत है।
प्रश्न: लेकिन बाजी लगाएगा किससे?
उत्तर: जे भी सामने होगा!
प्रश्न: अब मैं अप्रश्नतरित हूं..
उत्तर: ई का होता है बे?
प्रश्न: कुछ नहीं!
उत्तर: हम समझ रहे हैं!
प्रश्न: क्या समझ रहे हैं?
उत्तर: कि तुम्हें अभी उड़ाने की काहे सूझी?
प्रश्न: सवाल का जवाब तो दीजिए!!
उत्तर: बाजी लड़ाए हैं बे, हलके में लिए हो का?
प्रश्न: जीते कि हारे?
उत्तर: हमसे कौन बेटी***?? जीतेगा बे?
प्रश्न: मांझा जिसका तेज होगा, वो तो..!
उत्तर: अब बेटी*** तुम तो मांझा लूटते थे ना?
प्रश्न: हां!
उत्तर: तो भो*** के, बाजी तो हमी लगाते थे ना!!
प्रश्न: हां, तो?
उत्तर: हां तो सिंपल है!
प्रश्न: क्या सिंपल है?
उत्तर: जो बाजी लगाएगा, ऊ जीतेगा!
प्रश्न: ये आपका सिद्धांत है?
उत्तर: अबे भो**** के, ये दुनिया का सिद्धांत है।
प्रश्न: लेकिन बाजी लगाएगा किससे?
उत्तर: जे भी सामने होगा!
प्रश्न: अब मैं अप्रश्नतरित हूं..
उत्तर: ई का होता है बे?
प्रश्न: कुछ नहीं!
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