Thursday, April 5, 2007

मुलायम मेरी ब्लोग्शाला हैं

मुलायम , मुलायम , मुलायम . आजकल काफ़ी सारे ब्लॉग मुलायममय नज़र आ रहे हैं . क्या बात है ?? कही मुलायम मेरी ब्लोग्गिंग की गारंटी तो नही ? या फिर मुलायम मेरी ब्लोगशाला हैं ? मुझे तो लगता है कि मुलायम ने ब्लॉगर्स को भी अपने चुनावी प्रचार के रंग मे रंग लिया है ..कहीं कुछ पैसों वैसों का चक्कर तो नही ? अरे भैया !! मुलायम मुलायम्म करने से भी सारी चीज़े मुलायम ही हो जाती हैं , फिर चाहे आप पक्ष मे करिये या विपक्ष में . सो अपन ने तो तय कर लिया है कि भले ही अपन कोई भी पोस्टिंग ना करें , लेकिन मुलायम के बारे मे नही लिखेंगे . कम से कम मुलायम मेरी ब्लोगशाला तो नही . इसके साथ ही मुझे लगता है कि अमर सिंह ने अभिव्यक्ति के इस माध्यम पर भी जनसत्ता की तरह क़ब्ज़ा कर लिया है . सब कुछ मुलायम मय हो गया है . सब मुलायम राग गा रहे हैं .. अम्ब्रीश भाई , कहॉ हैं आप ??

3 comments:

रंजन (Ranjan) said...

ये मुलयम के जाने की तैयारी है..

Sagar Chand Nahar said...

दिया या कोयला बुझने से पहले जरा जोर से टिमटिमाता है।

Sanjeet Tripathi said...

सही कहा आपने, लगभग सभी ब्लोग पर किसी ना किसी रुप में मुलायम मौजूद है आजकल।
वैसे ये आप किन अम्बरीश भाई को याद कर रहें हैं?
कहीं जनसत्ता के लखनऊ संवाददाता अम्बरीश कुमार को तो नहीं?