पांड़े ससुर के नाती
परगटिशीलों का निकलै ठेला, दिल्ली का बाजार में
हटके बचके होय लो किनारे, दिल्ली का बाजार में
सालमसाल पे निकले रेला, दिल्ली का बाजार में
संघी साथे खावैं मैला, दिल्ली का बाजार में
बोल दिहो तो जाबो धकेला, दिल्ली का बाजार में
कि छिद्दन पाई जोड़ैं, अहा
कि राई राई जोड़ैं, अहा
खुरुच के काई जोड़ैं, अहा
लाल लुगाई जोड़ैं, अहा
लाशन पे लगावैं मेला, दिल्ली का बाजार में
वाद नाद के रायता फैला, दिल्ली का बाजार में
हर ठेला पे माल सुनहला, दिल्ली का बाजार में
पास से देखौ तो है ऊ मैला, दिल्ली का बाजार में
पांड़े बोलिहैं तो जइहैं पेला, दिल्ली का बाजार में....
यहलिए....
पांड़े कुछ ना बोलिहैं, अहा
कि पांड़े मुंह ना खोलिहैं, अहा
पांड़े भए जज्बाती, अहा
पांड़े ससुर के नाती, अहा
हटके बचके होय लो किनारे, दिल्ली का बाजार में
सालमसाल पे निकले रेला, दिल्ली का बाजार में
संघी साथे खावैं मैला, दिल्ली का बाजार में
बोल दिहो तो जाबो धकेला, दिल्ली का बाजार में
कि छिद्दन पाई जोड़ैं, अहा
कि राई राई जोड़ैं, अहा
खुरुच के काई जोड़ैं, अहा
लाल लुगाई जोड़ैं, अहा
लाशन पे लगावैं मेला, दिल्ली का बाजार में
वाद नाद के रायता फैला, दिल्ली का बाजार में
हर ठेला पे माल सुनहला, दिल्ली का बाजार में
पास से देखौ तो है ऊ मैला, दिल्ली का बाजार में
पांड़े बोलिहैं तो जइहैं पेला, दिल्ली का बाजार में....
यहलिए....
पांड़े कुछ ना बोलिहैं, अहा
कि पांड़े मुंह ना खोलिहैं, अहा
पांड़े भए जज्बाती, अहा
पांड़े ससुर के नाती, अहा
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