Monday, December 15, 2014

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें (19)

प्रश्‍न- गोडसे को जानते हैं?
उत्‍तर- ......
प्रश्‍न- मैनें पूछा नाथूराम गोडसे को जानते हैं?
उत्‍तर- मोटकी हलवाइन के लौंडे का नाम है नाथूराम। उसे जानते हैं
प्रश्‍न- नहीं, वो वाले नहीं, जि‍न्‍होंने महात्‍मा गांधी को मारा था, वो वाले गोडसे। क्‍या उन्‍हें जानते हैं?
उत्‍तर- तुम हर बार शहर आकर अपनी बीवी से मि‍ले बगैर क्‍यों चले जाते हो?
प्रश्‍न- मैने एक सीधा सा सवाल पूछा है, क्‍या आप गोडसे को जानते हैं?
उत्‍तर- तुमको अपने बच्‍चे की भी याद नहीं आती?
प्रश्‍न- आप मेरे सवाल का जवाब देंगे या नहीं?
उत्‍तर- बि‍लकुल देंगे। तभी तो बैठे हैं यहां।
प्रश्‍न- तो बताइये, क्‍या आप गोडसे को जानते हैं?
उत्‍तर- हां, वो सच्‍चे राष्‍ट्रभक्‍त थे। आजादी के आंदोलन में कई बार वो और वीर सावरकर एक साथ काला पानी काट कर आए।
प्रश्‍न- क्‍या वो आपके हीरो हैं?
उत्‍तर- बि‍लकुल हैं। आजादी के आंदोलन के सारे नायक हमारे हीरो हैं। नमो नमो
प्रश्‍न- पहली बार गोडसे आजादी के आंदोलन में जेल कब गए?
उत्‍तर- तुम शादी कौन तारीख को कि‍ए थे? याद है तुमको?
प्रश्‍न- अच्‍छा यही बता दीजि‍ए, कि‍स आरोप में गए थे वो पहली बार जेल?
उत्‍तर- नमक बनाया था
प्रश्‍न- गोडसे कि‍स पार्टी से संबंध रखते थे?
उत्‍तर- हमारी पार्टी से। सच्‍चा राष्‍ट्रभक्‍त सिर्फ हमारी पार्टी से ही हो सकता है
प्रश्‍न- और गांधी कि‍स पार्टी से थे?
उत्‍तर- वो कांग्रेस पार्टी से थे। अभी तक देखो, वंश चल रहा है।
प्रश्‍न- पर गांधीजी ने देश को आजादी दि‍लाई?
उत्‍तर- क्‍या दि‍लाई?
प्रश्‍न- आजादी दि‍लाई?
उत्‍तर- झां*** दि‍लाई।
प्रश्‍न- आपका मतलब गांधी ने आजादी नहीं दि‍लवाई?
उत्‍तर- तुम आजकल दि‍ल्‍ली में कैसे काम चलाते हो, कोई सेट वेट कि‍ए कि नहीं?
प्रश्‍न- मैने पूछा कि गांधीजी ने आजादी दि‍लवाई या नहीं?
उत्‍तर- गोडसे ने दि‍लवाई
प्रश्‍न- कि‍ससे?
उत्‍तर- अरे, यही गंधि‍या से। और कि‍ससे?
प्रश्‍न- गोडसे ने गांधी की हत्‍या क्‍यों की?
उत्‍तर- वो बड़े मनीषी थे। वो समझ गए थे कि वंशवाद को जड़ से खत्‍म करना चाहि‍ए।
प्रश्‍न- पर गांधीजी को राष्‍ट्रपि‍ता कहते हैं?
उत्‍तर- ये सब कांग्रेसि‍यों की साजि‍श है। अब सब बदलेगा
प्रश्‍न- गोडसे ने आजादी कैसे दि‍लवाई?
उत्‍तर- गांधी कटुओं की राजनीति कर रहा था। गोडसे ने उसे बंद कर दि‍या।
प्रश्‍न- पर आजादी तो अंग्रेजों से मि‍ली?
उत्‍तर- यहीं तो... यहीं तो तुम लोग समझ नहीं पाए
प्रश्‍न- क्‍या नहीं समझ पाए?
उत्‍तर- असली आजादी तो इन हरामी मुल्‍लों से मि‍लनी है
प्रश्‍न- कैसे दि‍लाएंगे इनसे आजादी?
उत्‍तर- काम चल रहा है। बहुत बड़ा आंदोलन होगा
प्रश्‍न- कैसा आंदोलन?
उत्‍तर- आगरा देखे ना अब अलीगढ़ देखना। इन हरामी मुल्‍लों की गां*** फाड़कर रख देंगे
प्रश्‍न- कैसे... कैसे करेंगे ये?
उत्‍तर- सबकी घर वापसी कराएंगे। योगी जी का हाथ है, जो ना माने लात है।
प्रश्‍न- मतलब जबरदस्‍ती करेंगे?
उत्‍तर- तुम भो**** के, अपनी बीवी तो वापस ला ना पाए।
प्रश्‍न- क्‍या आप दूसरे धर्मों के लोगों के साथ जबरदस्‍ती करेंगे?
उत्‍तर- घर से भागी लौंडि‍या क्‍या अपने मन से घर वापस आती है बहुत सारे दंद फंद करने पड़ते हैं
प्रश्‍न- पर ये असंवैधानि‍क है?
उत्‍तर- गीता पढ़े हो या नहीं?
प्रश्‍न- हां, पढ़ी है
उत्‍तर- वही संवि‍धान है भो*** के। रट लो अब
प्रश्‍न- मतलब आप कानून तोड़ेगे?
उत्‍तर- कानून दूसरा बना लेंगे अब। दस साल अब नमो नमो करो तुम
प्रश्‍न- और जो नमो नमो नहीं करेगा?
उत्‍तर- उसकी गां*** फाड़कर हाथ में दे देंगे। और कहेंगे कि जाओ, चौक में दस रुपये की सौ ग्राम बेचना।

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