नतमस्तक मोदक की नाजायज औलादें (6)
प्रश्न- तिलक क्यों लगाते हैं?
उत्तर- हरामी मुल्लों से पूछो कि टोपी क्यूं लगाते हैं?
प्रश्न- क्या किसी से बदला लेने के लिए तिलक लगाते हैं?
उत्तर- ये हमारी पहचान है। हम असली राष्ट्रभक्त हैं। भारत माता की पूजा करते हैं।
प्रश्न- क्या रोज तिलक लगाते हैं?
उत्तर- जी हां, और मंगल शनिवार को मंदिर जाकर लगा कर आते हैं। मोटी हलवाइन उस दिन पेड़ा बड़ा जानदार बनाती है। उसकी लड़की को देखे हो कि नहीं कभी-कभी निकलती है।
प्रश्न- क्या खुद भी तिलक लगाते हैं या पंडित से ही लगवाते हैं?
उत्तर- रोज हमारी वाइफ हमको रोली चावल का टीका लगाकर ही घर से बाहर जाने देती हैं।
प्रश्न- तिलक लगाने के बाद आपको अपने अंदर क्या फील होता है?
उत्तर- हिंदू तन मन हिंदू जीवन, मुल्लों की मां **** देंगे।
प्रश्न- तिलक लगाने का कोई वैज्ञानिक कारण भी है क्या?
उत्तर- हां, इसे माथे पर एकदम बीच में लगाते हैं तो वो ज्योती बनकर नीचे तक जाता है
प्रश्न- नीचे कहां तक?
उत्तर- अरे नीचे, जहां हम सबका पुरुषत्व होता है
प्रश्न- आपके कहने का मतलब है कि तिलक लगाने से आपका पुरुषत्व जागता है?
उत्तर- बिलकुल। इसीलिए कहीं भीड़ भड़क्का करने से पहले भी हम तिलक ही लगाते हैं।
प्रश्न- यानि कि जो तिलक नहीं लगाते, वो पुरुष नहीं होते?
उत्तर- वो साले मुल्ले होते हैं। ये वीरों की धरती है, यहां वही रहेगा जो वीर पुरुष होगा।
प्रश्न- भगवान बुद्ध भी तो तिलक नहीं लगाते थे, पर वो तो महापुरुष थे?
उत्तर- अबे कोई इस चूतिये को समझाओ। तुमको इतना भी नहीं पता कि वो शंकर के औतार थे। उनकी तीसरी आंख थी।
प्रश्न- क्या आपका लड़का तिलक लगाता है?
उत्तर- वो अभी स्कूल जाता है। कानवेंट वाले लगाने नहीं देते।
प्रश्न- क्या आपके पिता तिलक लगाते हैं?
उत्तर- वो तो घर पर पड़े रहते हैं, उनको तिलक लगाने की क्या जरूरत?
प्रश्न- क्या आप...?
उत्तर- तुम भो**** के जरूर उस ह***** मायावती के ऐजेंट हो जो तिलक के पीछे पड़े हो।
प्रश्न- तिलक का मायावती से क्या मतलब?
उत्तर- उसी ने तो नारा दिया था
प्रश्न- पर आप भी तो ओबीसी हैं?
उत्तर- उससे क्या हुआ। भगवान का नाम लेते हैं, उनको इज्जत देते हैं।
प्रश्न- जागे हुए पुरुषत्व के बाद आप क्या क्या करते हैं?
उत्तर- तुम्हारी गां**** मारते हैं हरामी साले। भाग यहां से अब
उत्तर- हरामी मुल्लों से पूछो कि टोपी क्यूं लगाते हैं?
प्रश्न- क्या किसी से बदला लेने के लिए तिलक लगाते हैं?
उत्तर- ये हमारी पहचान है। हम असली राष्ट्रभक्त हैं। भारत माता की पूजा करते हैं।
प्रश्न- क्या रोज तिलक लगाते हैं?
उत्तर- जी हां, और मंगल शनिवार को मंदिर जाकर लगा कर आते हैं। मोटी हलवाइन उस दिन पेड़ा बड़ा जानदार बनाती है। उसकी लड़की को देखे हो कि नहीं कभी-कभी निकलती है।
प्रश्न- क्या खुद भी तिलक लगाते हैं या पंडित से ही लगवाते हैं?
उत्तर- रोज हमारी वाइफ हमको रोली चावल का टीका लगाकर ही घर से बाहर जाने देती हैं।
प्रश्न- तिलक लगाने के बाद आपको अपने अंदर क्या फील होता है?
उत्तर- हिंदू तन मन हिंदू जीवन, मुल्लों की मां **** देंगे।
प्रश्न- तिलक लगाने का कोई वैज्ञानिक कारण भी है क्या?
उत्तर- हां, इसे माथे पर एकदम बीच में लगाते हैं तो वो ज्योती बनकर नीचे तक जाता है
प्रश्न- नीचे कहां तक?
उत्तर- अरे नीचे, जहां हम सबका पुरुषत्व होता है
प्रश्न- आपके कहने का मतलब है कि तिलक लगाने से आपका पुरुषत्व जागता है?
उत्तर- बिलकुल। इसीलिए कहीं भीड़ भड़क्का करने से पहले भी हम तिलक ही लगाते हैं।
प्रश्न- यानि कि जो तिलक नहीं लगाते, वो पुरुष नहीं होते?
उत्तर- वो साले मुल्ले होते हैं। ये वीरों की धरती है, यहां वही रहेगा जो वीर पुरुष होगा।
प्रश्न- भगवान बुद्ध भी तो तिलक नहीं लगाते थे, पर वो तो महापुरुष थे?
उत्तर- अबे कोई इस चूतिये को समझाओ। तुमको इतना भी नहीं पता कि वो शंकर के औतार थे। उनकी तीसरी आंख थी।
प्रश्न- क्या आपका लड़का तिलक लगाता है?
उत्तर- वो अभी स्कूल जाता है। कानवेंट वाले लगाने नहीं देते।
प्रश्न- क्या आपके पिता तिलक लगाते हैं?
उत्तर- वो तो घर पर पड़े रहते हैं, उनको तिलक लगाने की क्या जरूरत?
प्रश्न- क्या आप...?
उत्तर- तुम भो**** के जरूर उस ह***** मायावती के ऐजेंट हो जो तिलक के पीछे पड़े हो।
प्रश्न- तिलक का मायावती से क्या मतलब?
उत्तर- उसी ने तो नारा दिया था
प्रश्न- पर आप भी तो ओबीसी हैं?
उत्तर- उससे क्या हुआ। भगवान का नाम लेते हैं, उनको इज्जत देते हैं।
प्रश्न- जागे हुए पुरुषत्व के बाद आप क्या क्या करते हैं?
उत्तर- तुम्हारी गां**** मारते हैं हरामी साले। भाग यहां से अब
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