नतमस्तक मोदक की नाजायज औलादें (11)
प्रश्न- आपके विचार में देश की सबसे बड़ी समस्या कौन सी है?
उत्तर- ये जो हरामी मुल्ले 10-10 पैदा कर रहे हैं ना, यही है देश की सबसे बड़ी समस्या।
प्रश्न- पर अकेले मुसलमान आबादी तो बढ़ा नहीं सकते हैं?
उत्तर- चूतिया हो तुम। वही बढ़ा रहे हैं। उन्हें मदरसों में जल्दी जल्दी आबादी बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
प्रश्न- पर आप खुद भी तो 7 बहन एक भाई हैं, उसका क्या?
उत्तर- क्या चाहते हो, हमारा वंश ना चलता?
प्रश्न- आपके चाचा और मामा के यहां भी यही हाल है?
उत्तर- उनके लौ**** में दम था बेटी***। इसीलिए ये हाल है।
प्रश्न- चर्चा में है कि आबादी और दूसरी समस्याओं से निपटने के लिए यौन शिक्षा जरूरी की जानी चाहिए?
उत्तर- ये उन हरामी स्टालिन की नाजायज औलादों के दिमाग की उपज है। जैसे वो किसी से भी सेक्स कर लेते हैं, वैसे ही चाहते हैं कि सब करें। हम ऐसा नहीं होने देंगे।
प्रश्न- अगर फिर भी यौन शिक्षा लागू की गई तो?
उत्तर- केंद्र की सरकार भारतीय संस्कृत की रक्षा करना जानती है। वो ऐसा नहीं होने देगी।
प्रश्न- संस्कृत नहीं, संस्कृति होता है, पहले भी बताया था आपको?
उत्तर- जो भी हो। यौन शिक्षा भारतीय संस्कृति में नहीं है।
प्रश्न- क्या आपने वात्स्यायन का कामसूत्र पढ़ा है?
उत्तर- हां
प्रश्न- कहां?
उत्तर- पहले देसीबाबा पर पढ़ता था, अब अंर्तवासना पर पढ़ता हूं।
प्रश्न- क्या उसमें कामसूत्र के सूत्र दिए गए हैं?
उत्तर- अंर्तवासना पढ़ के देखो, सारे सूत्र दिए हैं। मैं तो कभी कभी टेस्टिंग भी कर लेता हूं
प्रश्न- मैनें अंर्तवासना देखी है, उसमें कामसूत्र का कोई जिक्र नहीं है?
उत्तर- तुम चूतिया हो। काम लगाने के जितने आसन अंर्तवासना पर हैं, उतने कामसूत्र में भी नहीं होंगे।
प्रश्न- इसका मतलब कि सेक्स या उसकी पोजीशन पहले से ही मौजूद है?
उत्तर- हम इसका विरोध करते हैं। बहुत जल्द इंटरनेट पर भी बैन लगेगा।
प्रश्न- फिर आप वो जरूरतें कहां से पूरी करेंगे, जो अंर्तवासना से पूरी करते हैं?
उत्तर- इसीलिए तो हमको जो अच्छा लगता है, हम अपने कंप्यूटर पर सेव कर लेते हैं
प्रश्न- वात्स्यायन का कामसूत्र तो पहले से ही भारतीय संस्कृति में है?
उत्तर- है तो क्या हुआ। उसकी पूजा करें क्या?
प्रश्न- वह यौन शिक्षा के लिए ही तो लिखा गया था?
उत्तर- तुमको भो**** के बता के लिखा होगा ना वात्स्यायन ने?
प्रश्न- हमारे ऋषि मुनि भी चाहते थे कि लोग इस मामले में शिक्षित हों?
उत्तर- एक बात बताओ, तुम्हारा लौंडा तुमसे पूछे कि पापा लं*** और चू**** क्या होता है तो तुमको कैसा लगेगा?
प्रश्न- मैं उसे उनके सही सामाजिक नाम के साथ अर्थ बताउंगा, आप क्या करेंगे?
उत्तर- उसकी गां*** पे लात मारकर भगा देंगे चूतिये साले। ये चीजें बच्चों की नहीं होती।
प्रश्न- ब्रिटेन में यौन शिक्षा लागू होने के बाद वहां कम उम्र में मां बनने वाली महिलाओं में कमी आई है?
उत्तर- वहां सही उम्र में शादी नहीं होती। अंग्रेजन गरम भी तो होती हैं।
प्रश्न- मैने कहा कि कमी आई है?
उत्तर- पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चिल्ला रहे हैं कि पृथ्वी गरम हो रही है, ये उसी का असर है।
प्रश्न- यौन बीमारियों में भी काफी कमी आई है इसके लागू होने के बाद?
उत्तर- वो तो वैसे ही सफेद होते हैं, उनको कौन सी बीमारी?
प्रश्न- मतलब आप भारत में बच्चों को यौन शिक्षा पढ़ाने के पूरी तरह से खिलाफ हैं?
उत्तर- तुम पूरी तरह से चूतिये ही हो। ये चीजें बच्चों की नहीं होतीं।
प्रश्न- तो क्या बड़ों के लिए इसकी अलग से क्लास शुरू होनी चाहिए?
उत्तर- सोचा तो जा सकता है... पर कोई कंटास मास्टरनी होनी चाहिए
प्रश्न- क्यों?
उत्तर- गां*** मराने के लिए भो**** के। हर बात का जवाब नहीं होता।
उत्तर- ये जो हरामी मुल्ले 10-10 पैदा कर रहे हैं ना, यही है देश की सबसे बड़ी समस्या।
प्रश्न- पर अकेले मुसलमान आबादी तो बढ़ा नहीं सकते हैं?
उत्तर- चूतिया हो तुम। वही बढ़ा रहे हैं। उन्हें मदरसों में जल्दी जल्दी आबादी बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
प्रश्न- पर आप खुद भी तो 7 बहन एक भाई हैं, उसका क्या?
उत्तर- क्या चाहते हो, हमारा वंश ना चलता?
प्रश्न- आपके चाचा और मामा के यहां भी यही हाल है?
उत्तर- उनके लौ**** में दम था बेटी***। इसीलिए ये हाल है।
प्रश्न- चर्चा में है कि आबादी और दूसरी समस्याओं से निपटने के लिए यौन शिक्षा जरूरी की जानी चाहिए?
उत्तर- ये उन हरामी स्टालिन की नाजायज औलादों के दिमाग की उपज है। जैसे वो किसी से भी सेक्स कर लेते हैं, वैसे ही चाहते हैं कि सब करें। हम ऐसा नहीं होने देंगे।
प्रश्न- अगर फिर भी यौन शिक्षा लागू की गई तो?
उत्तर- केंद्र की सरकार भारतीय संस्कृत की रक्षा करना जानती है। वो ऐसा नहीं होने देगी।
प्रश्न- संस्कृत नहीं, संस्कृति होता है, पहले भी बताया था आपको?
उत्तर- जो भी हो। यौन शिक्षा भारतीय संस्कृति में नहीं है।
प्रश्न- क्या आपने वात्स्यायन का कामसूत्र पढ़ा है?
उत्तर- हां
प्रश्न- कहां?
उत्तर- पहले देसीबाबा पर पढ़ता था, अब अंर्तवासना पर पढ़ता हूं।
प्रश्न- क्या उसमें कामसूत्र के सूत्र दिए गए हैं?
उत्तर- अंर्तवासना पढ़ के देखो, सारे सूत्र दिए हैं। मैं तो कभी कभी टेस्टिंग भी कर लेता हूं
प्रश्न- मैनें अंर्तवासना देखी है, उसमें कामसूत्र का कोई जिक्र नहीं है?
उत्तर- तुम चूतिया हो। काम लगाने के जितने आसन अंर्तवासना पर हैं, उतने कामसूत्र में भी नहीं होंगे।
प्रश्न- इसका मतलब कि सेक्स या उसकी पोजीशन पहले से ही मौजूद है?
उत्तर- हम इसका विरोध करते हैं। बहुत जल्द इंटरनेट पर भी बैन लगेगा।
प्रश्न- फिर आप वो जरूरतें कहां से पूरी करेंगे, जो अंर्तवासना से पूरी करते हैं?
उत्तर- इसीलिए तो हमको जो अच्छा लगता है, हम अपने कंप्यूटर पर सेव कर लेते हैं
प्रश्न- वात्स्यायन का कामसूत्र तो पहले से ही भारतीय संस्कृति में है?
उत्तर- है तो क्या हुआ। उसकी पूजा करें क्या?
प्रश्न- वह यौन शिक्षा के लिए ही तो लिखा गया था?
उत्तर- तुमको भो**** के बता के लिखा होगा ना वात्स्यायन ने?
प्रश्न- हमारे ऋषि मुनि भी चाहते थे कि लोग इस मामले में शिक्षित हों?
उत्तर- एक बात बताओ, तुम्हारा लौंडा तुमसे पूछे कि पापा लं*** और चू**** क्या होता है तो तुमको कैसा लगेगा?
प्रश्न- मैं उसे उनके सही सामाजिक नाम के साथ अर्थ बताउंगा, आप क्या करेंगे?
उत्तर- उसकी गां*** पे लात मारकर भगा देंगे चूतिये साले। ये चीजें बच्चों की नहीं होती।
प्रश्न- ब्रिटेन में यौन शिक्षा लागू होने के बाद वहां कम उम्र में मां बनने वाली महिलाओं में कमी आई है?
उत्तर- वहां सही उम्र में शादी नहीं होती। अंग्रेजन गरम भी तो होती हैं।
प्रश्न- मैने कहा कि कमी आई है?
उत्तर- पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चिल्ला रहे हैं कि पृथ्वी गरम हो रही है, ये उसी का असर है।
प्रश्न- यौन बीमारियों में भी काफी कमी आई है इसके लागू होने के बाद?
उत्तर- वो तो वैसे ही सफेद होते हैं, उनको कौन सी बीमारी?
प्रश्न- मतलब आप भारत में बच्चों को यौन शिक्षा पढ़ाने के पूरी तरह से खिलाफ हैं?
उत्तर- तुम पूरी तरह से चूतिये ही हो। ये चीजें बच्चों की नहीं होतीं।
प्रश्न- तो क्या बड़ों के लिए इसकी अलग से क्लास शुरू होनी चाहिए?
उत्तर- सोचा तो जा सकता है... पर कोई कंटास मास्टरनी होनी चाहिए
प्रश्न- क्यों?
उत्तर- गां*** मराने के लिए भो**** के। हर बात का जवाब नहीं होता।
No comments:
Post a Comment