BREAKING NEWS:: सोगड़िया तीन और खादित्यनाथ आठ महीने के गर्भ से
नई दिल्ली/अहमदाबाद/गोरखपुर. विश्व हिंदुत्व परिषद के सोगड़िया पिछले तीन महीने और मूरखधाम पीठ के खादित्यनाथ आठ महीने के गर्भ में हैं। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि सोगड़िया के गर्भ में तीन और खादित्यनाथ के गर्भ में आठ बच्चे पल रहे हैं। इस समाचार के बाद देश की कई साध्वियों ने हर्ष व्यक्त किया है। उमा सारथी ने दोनों को सेब और संतरे सरकारी कोटे से भिजवाए हैं।
हिंदुत्व धर्म की रक्षा के लिए इन दोनो संतों ने इस पुनीत कार्य के लिए हामी भरी। इसके लिए वीर्य विशेष रूप से हिंदुत्व स्पर्म बैंक से मंगवाया गया। हालांकि परिषद के सूत्रों का कहना है कि इस पुनीत कार्य के लिए वीर्य नहीं बल्कि सीधे वीर्यदान करने वाले बुलाए गए थे, जिन्होंने प्राकृतिक रूप से मंत्रोच्चार के साथ इनके मुखद्वार से गर्भाधान किया। जल थल और नभ सहित हिंदुत्व का लिंग पकड़कर हिलाने वाले सैकड़ों लोग इस पुनीत कर्म के साक्षी बने। खुद भक्षी महाराज ने दोनों को क्रमश: तीन और आठ पुत्रवतू का आर्शीवाद दिया।
मुख में हुए गर्भाधान और साथ के साथ भक्षी महाराज के आर्शीवचनों के चलते अब इनके पेट में पल रहे बच्चे लात भी मारने लगे हैं। परिषद के एक प्रवक्ता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि खादित्यनाथ के मलद्वार से कभी-कभी भगवा पानी भी अब रिसने लगा है, जिसका मतलब है कि डिलेवरी अब नजदीक आ रही है। सारे बच्चे अठमासे न पैदा हों, इसके लिए उन्हें विशेष वाई श्रेणी की भी सुरक्षा दी जा रही है। नाल काटने के लिए संवैधानिक ब्लेड लेकर शिश्नसेना पहले से ही तैयार है और सारे औजारों को एक धर्म विशेष के खून में अच्छी तरह से स्टेरलाइज कर लिया गया है।
समाचार लिखे जाने तक खादित्यनाथ के मलद्वार से भगवा पानी का निकलना जारी था। उनके डॉक्टरों के बोर्ड ने उसपर दो रुपये वाला बैंडेड चिपका कर उसे रोकने की कोशिश की, पर असफल रहे। बहरहाल, उन्हें 24 में से 36 घंटे के सुपरविजन में रखा गया है। वहीं सोगड़िया ने गर्भावस्था के दौरान दोबारा मुखमैथुन कर लिया है, जिसकी वजह से उनके गर्भ में पल रहे तीन में से एक बच्चे का लिंग गर्भ में ही परिवर्तित हो गया है। एक बार फिर से नाम ना छापने की शर्त पर परिषद के एक प्रवक्ता ने बताया कि लाख मना करने पर भी सोगड़िया मुखमैथुन की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं जिसके चलते परिषद में चिंता है कि गर्भ में पल रहे सभी बच्चों का ही लिंग परिवर्तन न हो जाए।
हिंदुत्व धर्म की रक्षा के लिए इन दोनो संतों ने इस पुनीत कार्य के लिए हामी भरी। इसके लिए वीर्य विशेष रूप से हिंदुत्व स्पर्म बैंक से मंगवाया गया। हालांकि परिषद के सूत्रों का कहना है कि इस पुनीत कार्य के लिए वीर्य नहीं बल्कि सीधे वीर्यदान करने वाले बुलाए गए थे, जिन्होंने प्राकृतिक रूप से मंत्रोच्चार के साथ इनके मुखद्वार से गर्भाधान किया। जल थल और नभ सहित हिंदुत्व का लिंग पकड़कर हिलाने वाले सैकड़ों लोग इस पुनीत कर्म के साक्षी बने। खुद भक्षी महाराज ने दोनों को क्रमश: तीन और आठ पुत्रवतू का आर्शीवाद दिया।
मुख में हुए गर्भाधान और साथ के साथ भक्षी महाराज के आर्शीवचनों के चलते अब इनके पेट में पल रहे बच्चे लात भी मारने लगे हैं। परिषद के एक प्रवक्ता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि खादित्यनाथ के मलद्वार से कभी-कभी भगवा पानी भी अब रिसने लगा है, जिसका मतलब है कि डिलेवरी अब नजदीक आ रही है। सारे बच्चे अठमासे न पैदा हों, इसके लिए उन्हें विशेष वाई श्रेणी की भी सुरक्षा दी जा रही है। नाल काटने के लिए संवैधानिक ब्लेड लेकर शिश्नसेना पहले से ही तैयार है और सारे औजारों को एक धर्म विशेष के खून में अच्छी तरह से स्टेरलाइज कर लिया गया है।
समाचार लिखे जाने तक खादित्यनाथ के मलद्वार से भगवा पानी का निकलना जारी था। उनके डॉक्टरों के बोर्ड ने उसपर दो रुपये वाला बैंडेड चिपका कर उसे रोकने की कोशिश की, पर असफल रहे। बहरहाल, उन्हें 24 में से 36 घंटे के सुपरविजन में रखा गया है। वहीं सोगड़िया ने गर्भावस्था के दौरान दोबारा मुखमैथुन कर लिया है, जिसकी वजह से उनके गर्भ में पल रहे तीन में से एक बच्चे का लिंग गर्भ में ही परिवर्तित हो गया है। एक बार फिर से नाम ना छापने की शर्त पर परिषद के एक प्रवक्ता ने बताया कि लाख मना करने पर भी सोगड़िया मुखमैथुन की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं जिसके चलते परिषद में चिंता है कि गर्भ में पल रहे सभी बच्चों का ही लिंग परिवर्तन न हो जाए।
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