Friday, August 19, 2016

मोदीजी के हाथ में क्‍या है? जेब में क्‍या है?

रक्षाबंधन के दि‍न कामवाली के नाम पत्र (मोदीजी के नाम नहीं) 

खाना बनाने का ढाई हजार ले रही हो तो दि‍ल लगाने का कि‍तना मांगोगी? भूल जा रही हो कि‍ मैं कहां कहां के दलि‍द्रों की जमीन पर खड़ा हूं? हम कि‍स्‍मतवाले लोग थोड़े हैं या आईफोन वाले थोड़ी हैं? आइफोन के बारे में हम बाते करते हैं और मोटो जी से काम चलाते हैं। घर में राहुल सांकृत्‍यायन की कि‍ताब होती है लेकि‍न तकि‍ए के नीचे होती है। पता नहीं राहुल सांकृत्‍यायन ने दि‍ल लगाने का कि‍तना पैसा लि‍या होगा? कितनी बार लिया होगा? तिब्बत की कठोर पहाड़ियों पर उन्हें कौन पैसा देता होगा?  क्या दलि‍तों के पास भी आइफोन होते हैं? कन्‍हैया कुमार के पास कौन सा फोन है? क्‍या अब समय नहीं आ गया है कि‍ दलि‍तों और कन्‍हैया कुमार के पास जो फोन हैं उसकी वास्‍तवि‍कता समाज के सामने रखी जाए? ऊना से लेकर अहमदाबाद तक जो सि‍पाही जोशीले नारे लगाते हुए दौड़ रहे थे, उनकी छाति‍यों में कि‍स फोन का जोर था? लौटानी जो लोग उनपे पत्‍थर फेंक रहे थे, क्‍या वो जोर एप्‍पल ने दि‍या या सैमसंग ने? नोकि‍या तो नहीं न दि‍या होगा, वो तो आउटडेटेड ठहरा। या सारा जोर एप्‍पल से नहीं, मि‍ल्‍क पीकर आया था? आपने मि‍ल्‍क देखी है? आइफोन पे देखी है? क्‍या भारतीय वामपंथ को एक सि‍रे से दूसरे सि‍रे तक आइफोन के सवाल पर साफ साफ स्‍टैंड लेने का वक्‍त नहीं आ गया है? वाजि‍ब सवालों पर तो जल्दी स्टैंड नहीं लेते या बेचारगी की हालत है। राखी में जो सारी बहनें उमड़ उमड़ के इमोजी भेज भेज के फेसबुक को गंधाई हुई हैं, आज वक्‍त आ गया है कि‍ इस जोर वाले फोन की सच्‍चाई को सामने रखें। वो हरामी (प्रेम से कह रहा हूं, ये गाली नहीं, मौहब्‍बत है) कौन सा प्‍लेटफॉर्म है जो सबसे ज्‍यादा हवा फैला रहा है? क्‍या वह ढाई हजार रुपल्ली हैं, क्‍या वह फि‍फ्टी-फि‍फ्टी से आ रहा है या वो मेरे मन के बुढ़ापे की पैंसठ वाली संख्‍या को पार कर चुका है? पंद्रह लाख जैसी बातें तो मैं सपने में भी नहीं सोचता। हम कहां खड़े हैं? हरी सर आप बताइये, आप कि‍नके साथ खड़े हो? मेरे साथ खड़े होते तो कम से कम अपने पैसों के लि‍ए आपके कान में फुसफुसा तो सकता था, दूसरे के लि‍ए चि‍कोटी भी काट सकता था। मोदीजी के हाथ में क्‍या है? जेब में क्‍या है? बंडी वाली जेब में क्‍या छुपा रखा है? मोदीजी आप जवाब न दें, मेरे कान में तो फुसफुसा सकते हैं? एसएमएस करने में तो घंटा आपका कुछ जाता नहीं है। आइए हम साथ साथ कश्‍मीर की अवाम को बताएं कि‍ हमारे दि‍लों में जो जोर है वो कि‍स प्‍लेटफार्म पर भरा जा रहा है। पाकि‍स्‍तान न सही, कश्‍मीर को तो आज शांति‍ की जरूरत है या नहीं? फेसबुक तो बंद कराते ही रहते हैं, कभी फायरिंग भी तो बंद कराइये। दि‍ल से दो चार बिंदी बढ़ा के ही बोलि‍ए, प्लीज बोलिए। रक्षा के बंधन का दि‍न है आज। माना कि‍ आपने अपनी पत्‍नी को अपना नहीं बनाया, अपनी बहनों को तो अपना बनाओगे? अच्‍छे और बुरे दोनों सेंस में। बुरा वाला तो रोज बनाते ही रहते हो, अच्‍छा वाला आज तो बनाओ। ये प्‍लेटफार्म का सवाल एक दि‍न क्‍या, आज ही मेरी जान लेके रहेगा। मोदी तुम कहां हो? मुझे पता है कहीं नहीं हो। बहनों तुम कहां हो? तुम भी नहीं हो। ये देश कहीं है? मेरा आइफोन कहीं है? ये दि‍न आज कहीं भी है या सीधी हवा है?

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