तेरा शहर कितना अजीब है
‘न दोस्त है न रकीब है तेरा शहर कितना अजीब है।’
(सुबह से भेड़ें मिमिया रही हैं। उन्हें चारागाह की तरफ भेज दिया है। अब खिड़की के किनारे बैठा हूं। Deep दा, यहां गोरियां नहीं... ) — feeling lonely in Telemark, Norway.
(सुबह से भेड़ें मिमिया रही हैं। उन्हें चारागाह की तरफ भेज दिया है। अब खिड़की के किनारे बैठा हूं। Deep दा, यहां गोरियां नहीं... ) — feeling lonely in Telemark, Norway.
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