रुपये की रूसी भरे गंधाते पुतिन
इस तस्वीर को ध्यान से न भी देखें तो भी ये तस्वीर एक तरह की मासूम राजनीति बयां करती है। दुनिया का सबसे ताकतवर आदमी अपने साथ सुरक्षा का क्ष भी नहीं रखता।
अक्सर तस्वीर के पीछे की जो तस्वीर होती है, वो उन्हें नहीं दिखाई देती जो सिर्फ तस्वीर की पूजा करते हैं। क्या आप जानते हैं कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी से भी कहीं पहले अपनी इंटरनेट प्रोपेगेंडा टीम बना ली थी। मेरी जानकारी में ये ऑनलाइन इमेज बिल्डिंग/क्रैशिंग का काम करने वाली दुनिया की पहली टीम है। इस टीम में सैकड़ों लोग काम करते हैं। इनका काम है येन केन प्रकारेण पुतिन की इमेज देश और देश के बाहर महान बनाना। ये तस्वीर भी ऐसे ही फिक्स की गई है।
इस टीम का एक और काम है। अगर रुस या उससे बाहर कोई भी पुतिन के बारे में कोई ऐसी जानकारी देता है जिससे उनकी इस तरह की तस्वीरों के पीछे का सच बाहर आए तो टीम के सभी सदस्य गैंग बनाकर उस व्यक्ति की बखिया उधेड़ देते हैं। किसी के शरीर का कोई भी अंग नहीं बख्शा जाता। मेल, फीमेल और जिसे आप नहीं जानते.. उस शीमेल का भी।
सेंट पीटर्सबर्ग में एक चार मंजिला इमारत में पुतिन की 'इंटरनेट रिसर्च एजेंसी' चलती है। आम दिनों में इस एजेंसी में काम करने वाले सैकड़ों लोग दिन के 12 घंटे सोशल मीडिया, ब्लॉग और दूसरे ऑनलाइन माध्यमों पर पॉजिटिव इमेज बनाते हैं। खास दिनों में टीम 24 घंटे भी काम करती है। यूक्रेन, सीरिया और ओबामा के बारे में तरह तरह के फैक्ट बनाकर प्रचारित करने वाले इस टीम के सदस्य महीने के कम से कम 750 डॉलर पाते हैं।
इस तरह से पिछले कई सालों से पुतिन सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति और अब सबसे ताकतवर दरिंदा बन गया हैं। न विश्वास हो तो अपने यूक्रेनियन दोस्तों से पूछकर देखिए। (मेरे कई दोस्त वहां के हैं और अक्सर मुझे उनका दुख ऐन अपने सा लगता है)
अपने यहां के फेंकू ने इनका अंदाज फालो किया और अब वो दुनिया का नौंवा सबसे ताकतवर दरिंदा बन चुका है।
अंधी में न रहें, इन सोर्स पर जाएं और और पता लगाएं-
1- http://tinyurl.com/prfagee
2- http://tinyurl.com/kclmoy4
3- http://tinyurl.com/oh843fz
4- http://tinyurl.com/oenuvc3
5- http://tinyurl.com/o74bbck
वैसे सारी गलती मेरी है। मुझे ही दुनिया कभी वैसी नहीं दिखती... जैसी वो होना चाहती है।
मासूम लोगों को याद दिलाता चलूं कि 25 साल पहले ही रूस असाम्यवादी देश हो चुका है। जानकारी दुरुस्त रखें इस बारे में।
सबक: ताकत एक खाल हैे भेड़िए की... बस।
क्या बताना पड़ेगा कि ऐसे फेंकुओं की खाल उधेड़ने की जरूरत है?
अक्सर तस्वीर के पीछे की जो तस्वीर होती है, वो उन्हें नहीं दिखाई देती जो सिर्फ तस्वीर की पूजा करते हैं। क्या आप जानते हैं कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी से भी कहीं पहले अपनी इंटरनेट प्रोपेगेंडा टीम बना ली थी। मेरी जानकारी में ये ऑनलाइन इमेज बिल्डिंग/क्रैशिंग का काम करने वाली दुनिया की पहली टीम है। इस टीम में सैकड़ों लोग काम करते हैं। इनका काम है येन केन प्रकारेण पुतिन की इमेज देश और देश के बाहर महान बनाना। ये तस्वीर भी ऐसे ही फिक्स की गई है।
इस टीम का एक और काम है। अगर रुस या उससे बाहर कोई भी पुतिन के बारे में कोई ऐसी जानकारी देता है जिससे उनकी इस तरह की तस्वीरों के पीछे का सच बाहर आए तो टीम के सभी सदस्य गैंग बनाकर उस व्यक्ति की बखिया उधेड़ देते हैं। किसी के शरीर का कोई भी अंग नहीं बख्शा जाता। मेल, फीमेल और जिसे आप नहीं जानते.. उस शीमेल का भी।
सेंट पीटर्सबर्ग में एक चार मंजिला इमारत में पुतिन की 'इंटरनेट रिसर्च एजेंसी' चलती है। आम दिनों में इस एजेंसी में काम करने वाले सैकड़ों लोग दिन के 12 घंटे सोशल मीडिया, ब्लॉग और दूसरे ऑनलाइन माध्यमों पर पॉजिटिव इमेज बनाते हैं। खास दिनों में टीम 24 घंटे भी काम करती है। यूक्रेन, सीरिया और ओबामा के बारे में तरह तरह के फैक्ट बनाकर प्रचारित करने वाले इस टीम के सदस्य महीने के कम से कम 750 डॉलर पाते हैं।
इस तरह से पिछले कई सालों से पुतिन सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति और अब सबसे ताकतवर दरिंदा बन गया हैं। न विश्वास हो तो अपने यूक्रेनियन दोस्तों से पूछकर देखिए। (मेरे कई दोस्त वहां के हैं और अक्सर मुझे उनका दुख ऐन अपने सा लगता है)
अपने यहां के फेंकू ने इनका अंदाज फालो किया और अब वो दुनिया का नौंवा सबसे ताकतवर दरिंदा बन चुका है।
अंधी में न रहें, इन सोर्स पर जाएं और और पता लगाएं-
1- http://tinyurl.com/prfagee
2- http://tinyurl.com/kclmoy4
3- http://tinyurl.com/oh843fz
4- http://tinyurl.com/oenuvc3
5- http://tinyurl.com/o74bbck
वैसे सारी गलती मेरी है। मुझे ही दुनिया कभी वैसी नहीं दिखती... जैसी वो होना चाहती है।
मासूम लोगों को याद दिलाता चलूं कि 25 साल पहले ही रूस असाम्यवादी देश हो चुका है। जानकारी दुरुस्त रखें इस बारे में।
सबक: ताकत एक खाल हैे भेड़िए की... बस।
क्या बताना पड़ेगा कि ऐसे फेंकुओं की खाल उधेड़ने की जरूरत है?
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