Thursday, March 8, 2007

जनता बेवकूफ नहीं है।

रमन कौल
रमन भाई ने बहुत अच्छी बात कही अपने कॉमेंट में . तुरंत मन हुआ कि इसे तो ज़रूर पब्लीश करना चाहिए जिस से ये बात वो सभी लोग पढ़ सकें जो गलियों के ही अनुयायी हैं ...
जनता बेवकूफ नहीं है। न यह मुसोलिनी की इटली है, न हिटलर की जर्मनी। जनता नहीं चाहेगी तो आर.एस.एस. वहीं रह जाएगी जहाँ है, और चाहेगी तो फिर आप कुछ नहीं कर सकते। यदि आप वास्तव में आर.एस.एस. पर रोक लगाना चाहते हैं, तो अपनी छद्म धर्मनिरपेक्षता पर रोक लगाएँ। इस जैसे बेबुनियाद इलज़ामों वाली पोस्टें और इस जैसी सोच ही लोगों को भाजपा की ओर खींचती है। अब आप के किस किस वाक्य को असत्य साबित किया जाए, यदि आप कुछ पूर्वनिर्धारित धारणाओं को ठान कर चले हैं। आप को आर.एस.एस. के हिन्दूवाद से डर लगता है, तो औरों को अन्य पार्टियों के हिन्दूविरोध से। सही विकल्प होगा तो कौन नहीं चाहेगा। यदि आप को यह पार्टियाँ ग़लत लगती हैं, तो एक दूध से धुली पार्टी या संगठन का नाम बताएँ। सिमी?


Divyabh Aryan
divine india said..
भाई साहब इसप्रकार की टिप्पणियों का कोई फायदा नहीं है…और लोगों को कहने का मौका देते है… समेकित संस्कृति में आप रहते है तो सभी को देखना पढ़ेगा… कोई धर्म पर राजनीति कर रहा है तो कोई जाति पर्…जबकि दोनों पहलु गलत है…। मुद्दा क्या लोगों के पास…???

2 comments:

Anonymous said...

मेरे ख़्याल से धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली उन सारी पार्टियों पर रोक लगा देनी चाहिए , फिर चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान , आर एस एस हो या सीमी . लोकतंत्र धर्म के नाम पर तो नही ही होता है , वो तो जनता के नाम पर और न्याय के नाम पर ही होता है .

Divine India said...

भाई साहब इसप्रकार की टिप्पणियों का कोई फायदा नहीं है…और लोगों को कहने का मौका देते है… समेकित संस्कृति में आप रहते है तो सभी को देखना पढ़ेगा… कोई धर्म पर राजनीति कर रहा है तो कोई जाति पर्…जबकि दोनों पहलु गलत है…। मुद्दा क्या लोगों के पास…???