पोस्टमार्टम ऑफ फ्री सेक्स: कल से अब तक -1
इंटरनेट की इस ऐज में मैक्सिमम लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं समझते। असल में गूगल समझाता ही नहीं। गूगल फ्री सेक्स कीवर्ड पर 64 करोड़ से भी ज्यादा रिजल्ट शो करता है, आप खोजते थक जाएंगे, सुविधा हुई तो किसी और को भी थका देंगे, सुविधा न हुई तो राह चलती गाय की पीठ या कुत्ते का कान सहलाकर अपने तईं कुछ भी कर लेंगे, लेकिन आपको इस शब्द का अर्थ या परिभाषा कम से कम उस दरवाजे से घुसने पर नहीं मिलने की, जिससे पूरी दुनिया घुसी चली जा रही है- यानि कि गूगल।
गूगल जितने भी रिजल्ट शो करता है, 90 पर्सेंट से भी ज्यादा वो पॉर्न साइट्स के हैं जहां फ्री सेक्स का मतलब फ्री स्टाइल में सेक्स करना होता है। जैसे फ्री स्टाइल कुश्ती लड़ने वाला पहलवान पैसे कमाता है, वैसे उसमें फ्री सेक्स करने वाले पैसे कमाते हैं... गंवाता कौन है, क्या गंवा रहा है, कैसे गंवा रहा है... ये सब वो अतिवर्जित सवाल हैं जिनके बारे में बात करने पर संस्कृति के संघी ठेकेदार लंगोट कसके फ्री सेक्स करने के लिए तैयार हैं.. मने फ्री स्टाइल रेप। लड़की हुई तो उससे ऐसे कर देंगे, लड़का हुआ तो ऐसे वैसे और पता नहीं कैसे कैसे कर देंगे। सेक्स को और सेक्स में पुरुष की (जमीनी और हवाई दोनों) हालत को लेकर मेरे मन में बहुत से सामाजिक दुख भरे हैं, अच्छा नहीं होगा कि वो निकलकर बहें।
खैर गूगल भी क्या करे। वो वही दिखाएगा जो लोग देखना चाहते हैं, सबसे ज्यादा देखते हैं। लोग (मैं भी तू भी) सबसे ज्यादा पॉर्न देखते हैं तो गूगल भी वही दिखा रहा है। गूगल को क्या उसकी जेनरिक परिभाषा नहीं दिखानी चाहिए या गूगल ऐसा क्यों नहीं कर रहा, ये ऑनलाइन आंदोलन की विषयवस्तु है क्योंकि गूगल सेक्स से जुड़े गंभीर कीवर्ड्स पर भी रिजल्ट पॉर्न का ही देता है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि सही जानकारी पहुंचाना ही गूगल की गुडविल है। वैसे इसमें गूगल से ज्यादा हम लोगों का ही दोष है कि हमने सेक्स को कभी गंभीरली नहीं लिया। मने लिया तो बहुत ही गंभीरली... लेकिन लिखकर लोगों को बताने का काम न के बराबर किया है।
हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया में इसमें सबसे सीरियस काम रामा ने काम कला नाम के ब्लॉग में किया है। वैसे सबसे ज्यादा काम अंर्तवासना डॉट कॉम वाले कर सकते थे। इस साइट में हर घंटे चाची मामी ताई बहन कामवाली दूधवाली पड़ोसन मकान मालकिन के साथ सेक्स करने की फैंटेसी करने वाली कहानियां पब्लिश होती हैं और जमके गूगल सर्च में आती हैं। इन कहानियों को लिखने का काम हमारे आइटी उद्योग के वीरों ने अपनी उस मजबूत वस्तु पर ले रखा है जो घंटा कहीं से मजबूत नहीं है। खैर कहानियां मजबूती का एक सपना होती हैं और सपना देखना कोई गुनाह नहीं है।
फ्री सेक्स का पीएम जारी है...
गूगल जितने भी रिजल्ट शो करता है, 90 पर्सेंट से भी ज्यादा वो पॉर्न साइट्स के हैं जहां फ्री सेक्स का मतलब फ्री स्टाइल में सेक्स करना होता है। जैसे फ्री स्टाइल कुश्ती लड़ने वाला पहलवान पैसे कमाता है, वैसे उसमें फ्री सेक्स करने वाले पैसे कमाते हैं... गंवाता कौन है, क्या गंवा रहा है, कैसे गंवा रहा है... ये सब वो अतिवर्जित सवाल हैं जिनके बारे में बात करने पर संस्कृति के संघी ठेकेदार लंगोट कसके फ्री सेक्स करने के लिए तैयार हैं.. मने फ्री स्टाइल रेप। लड़की हुई तो उससे ऐसे कर देंगे, लड़का हुआ तो ऐसे वैसे और पता नहीं कैसे कैसे कर देंगे। सेक्स को और सेक्स में पुरुष की (जमीनी और हवाई दोनों) हालत को लेकर मेरे मन में बहुत से सामाजिक दुख भरे हैं, अच्छा नहीं होगा कि वो निकलकर बहें।
खैर गूगल भी क्या करे। वो वही दिखाएगा जो लोग देखना चाहते हैं, सबसे ज्यादा देखते हैं। लोग (मैं भी तू भी) सबसे ज्यादा पॉर्न देखते हैं तो गूगल भी वही दिखा रहा है। गूगल को क्या उसकी जेनरिक परिभाषा नहीं दिखानी चाहिए या गूगल ऐसा क्यों नहीं कर रहा, ये ऑनलाइन आंदोलन की विषयवस्तु है क्योंकि गूगल सेक्स से जुड़े गंभीर कीवर्ड्स पर भी रिजल्ट पॉर्न का ही देता है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि सही जानकारी पहुंचाना ही गूगल की गुडविल है। वैसे इसमें गूगल से ज्यादा हम लोगों का ही दोष है कि हमने सेक्स को कभी गंभीरली नहीं लिया। मने लिया तो बहुत ही गंभीरली... लेकिन लिखकर लोगों को बताने का काम न के बराबर किया है।
हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया में इसमें सबसे सीरियस काम रामा ने काम कला नाम के ब्लॉग में किया है। वैसे सबसे ज्यादा काम अंर्तवासना डॉट कॉम वाले कर सकते थे। इस साइट में हर घंटे चाची मामी ताई बहन कामवाली दूधवाली पड़ोसन मकान मालकिन के साथ सेक्स करने की फैंटेसी करने वाली कहानियां पब्लिश होती हैं और जमके गूगल सर्च में आती हैं। इन कहानियों को लिखने का काम हमारे आइटी उद्योग के वीरों ने अपनी उस मजबूत वस्तु पर ले रखा है जो घंटा कहीं से मजबूत नहीं है। खैर कहानियां मजबूती का एक सपना होती हैं और सपना देखना कोई गुनाह नहीं है।
फ्री सेक्स का पीएम जारी है...
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