कवि, कुरता संभाल
कवि
कुरता संभाल
गिरती थी पहले भी
अब गिर गई तेरी
कविता की डाल
कवि
सुना कुछ हाल
अगली जेब में रखी
नेटवर्क में आते ही अपलोड करने वाली
कविता निकाल
कवि
और तेरे जंजाल
कुरता संभाल
पहन पीला या हरा भी
कबतक पहनेगा
कुरता लाल।
कुरता संभाल
गिरती थी पहले भी
अब गिर गई तेरी
कविता की डाल
कवि
सुना कुछ हाल
अगली जेब में रखी
नेटवर्क में आते ही अपलोड करने वाली
कविता निकाल
कवि
और तेरे जंजाल
कुरता संभाल
पहन पीला या हरा भी
कबतक पहनेगा
कुरता लाल।
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