नतमस्तक मोदक की नाजायज औलादें- 34
प्रश्न: लेखक सम्मान वापस कर रहे हैं!
उत्तर: हरामी हैं साले!
प्रश्न: कैसे?
उत्तर: अबे पइसा तो अपने पिछवाड़े में डाले हैं!
प्रश्न: सम्मान का मतलब क्या पैसा होता है?
उत्तर: नहीं भो*** के, तुम्हारी झां** होता है!
प्रश्न: तो क्या सम्मान रखे रहें और पैसा लौटा दें?
उत्तर: अबे अपनी गां*** में डाल लें, हमसे क्या?
प्रश्न: आप तो लगातार उन्हें गाली ही दिए जा रहे हैं!
उत्तर: फर्जीफिकेशन कर रहे हैं साले, माला पहनाएं?
प्रश्न: कैसा फर्जीफिकेशन?
उत्तर: पैसा पब्लिसिटी, सब वापस करें!
प्रश्न: पब्लिसिटी कैसे वापस करेंगे?
उत्तर: जिस मुंह से खाया वहीं से निकालें!
प्रश्न: कभी सोचा क्यों वापस कर रहे हैं?
उत्तर: अबे सोचते होते तो यहां होते बे?
प्रश्न: तो कहां होते?
उत्तर: तुम्हरी तरह अभी तक घिस-घिस मरा रहे होते!
प्रश्न: आप कुछ बोलने के पहले कुछ सोचते हैं?
उत्तर: बिलकुल सोचते हैं!
प्रश्न: क्या?
उत्तर: कि सामने वाले को कैसे पेलना है?
प्रश्न: इसके अलावा कुछ नहीं सोचते?
उत्तर: अबे तुम सोचो ना।
प्रश्न: हालात सोचनीय होते जा रहे हैं!
उत्तर: घंटा!
प्रश्न: क्या घंटा?
उत्तर: अबे अभी तो मौज आनी शुरू हुई है!
प्रश्न: जहरीले माहौल में आपको मौज आती है?
उत्तर: हम भगवान संकर के भक्त हैं.
प्रश्न: कसम तो आप राम की खाते हैं!
उत्तर: कसम खा के हम गां*** भी तोड़ते हैं!
प्रश्न: राम कहां गए?
उत्तर: कौन राम?
प्रश्न: अरे भगवान राम?
उत्तर: तुम सही में अपनी गां*** तुड़वाने का इंतजाम साथ रखते हो!
प्रश्न: बताइए तो सही!!
उत्तर: लेखकों से कहो सारे ट्रांसलेशन वापस करें!
प्रश्न: वो तो सरकार ने कराए, उनने नहीं!
उत्तर: तो सरकार से कहो वापस करे!
प्रश्न: सरकार किसे वापस करेगी?
उत्तर: साहित्य अकादमी को!
प्रश्न: वो तो सरकारी है!
उत्तर: तुम चूति*** हो!
प्रश्न: अकादमी का कोई बयान नहीं अाया!
उत्तर: किस पर?
प्रश्न: यही, सम्मान वापसी पर!
उत्तर: क्यों देगी बयान?
प्रश्न: हां, मोदी ने भी न दिया!
उत्तर: मोदीजी के आगे कोई नहीं बोल सकता!
प्रश्न: क्यों?
उत्तर: वो शेर हैं शेर!
प्रश्न: पीछे भी नहीं बोल सकते?
उत्तर: तुम अभी बोल के दिखाओ, तुम्हरी गां*** तोड़ देंगे!
प्रश्न: मैं तो आगे पीछे दोनों तरफ से बोल दूंगा!
उत्तर: मैं तो तुझे आगे पीछे दोनों तरफ से खोल दूंगा!
प्रश्न: किस किस को खोल देंगे?
उत्तर: जो भी हिंदू नहीं है!
प्रश्न: जिन लेखकों की हत्या हुई, वो तो हिंदू थे!
उत्तर: कम्युनिस्ट थे माद*****। दलाल देशद्रोही थे!
प्रश्न: कम्युनिस्ट देशद्रोही कैसे?
उत्तर: साले देश को बांटना चाहते हैं!
प्रश्न: और आप जोड़ रहे हैं?
उत्तर: नहीं तो का भो**** के तोड़ रहे हैं?
प्रश्न: और क्या कर रहे हैं?
उत्तर: विकास कर रहे हैं!
प्रश्न: किसका?
उत्तर: देश का भो**** के अंधे की झां***!!
प्रश्न: हत्याएं विकास हैं?
उत्तर: हिंदू राष्ट्र में ही अब विकास हो पाएगा!
प्रश्न: अव्वल तो आप ऐसा कर नहीं पाएंगे!
उत्तर: 2020 तक सब हो जाएगा.
प्रश्न: तो क्या आप सारे लेखकों को मार देंगे?
उत्तर: सारे फर्जीफिकेशन करने वालों को!
प्रश्न: साहित्य रहेगा या नहीं?
उत्तर: संस्कृति रहेगी तो साहित्य खुद आ जाएगा!
प्रश्न: हत्यारों की कोई संस्कृति नहीं होती!
उत्तर: चूतिया हो। हत्यारों ने ही संस्कृति बनाई.
प्रश्न: आज मैं आपके सामने नतमस्तक हूं!!
उत्तर: हमको पता था बेटा, तुम्हरी लंगोट लाल नहीं है.
उत्तर: हरामी हैं साले!
प्रश्न: कैसे?
उत्तर: अबे पइसा तो अपने पिछवाड़े में डाले हैं!
प्रश्न: सम्मान का मतलब क्या पैसा होता है?
उत्तर: नहीं भो*** के, तुम्हारी झां** होता है!
प्रश्न: तो क्या सम्मान रखे रहें और पैसा लौटा दें?
उत्तर: अबे अपनी गां*** में डाल लें, हमसे क्या?
प्रश्न: आप तो लगातार उन्हें गाली ही दिए जा रहे हैं!
उत्तर: फर्जीफिकेशन कर रहे हैं साले, माला पहनाएं?
प्रश्न: कैसा फर्जीफिकेशन?
उत्तर: पैसा पब्लिसिटी, सब वापस करें!
प्रश्न: पब्लिसिटी कैसे वापस करेंगे?
उत्तर: जिस मुंह से खाया वहीं से निकालें!
प्रश्न: कभी सोचा क्यों वापस कर रहे हैं?
उत्तर: अबे सोचते होते तो यहां होते बे?
प्रश्न: तो कहां होते?
उत्तर: तुम्हरी तरह अभी तक घिस-घिस मरा रहे होते!
प्रश्न: आप कुछ बोलने के पहले कुछ सोचते हैं?
उत्तर: बिलकुल सोचते हैं!
प्रश्न: क्या?
उत्तर: कि सामने वाले को कैसे पेलना है?
प्रश्न: इसके अलावा कुछ नहीं सोचते?
उत्तर: अबे तुम सोचो ना।
प्रश्न: हालात सोचनीय होते जा रहे हैं!
उत्तर: घंटा!
प्रश्न: क्या घंटा?
उत्तर: अबे अभी तो मौज आनी शुरू हुई है!
प्रश्न: जहरीले माहौल में आपको मौज आती है?
उत्तर: हम भगवान संकर के भक्त हैं.
प्रश्न: कसम तो आप राम की खाते हैं!
उत्तर: कसम खा के हम गां*** भी तोड़ते हैं!
प्रश्न: राम कहां गए?
उत्तर: कौन राम?
प्रश्न: अरे भगवान राम?
उत्तर: तुम सही में अपनी गां*** तुड़वाने का इंतजाम साथ रखते हो!
प्रश्न: बताइए तो सही!!
उत्तर: लेखकों से कहो सारे ट्रांसलेशन वापस करें!
प्रश्न: वो तो सरकार ने कराए, उनने नहीं!
उत्तर: तो सरकार से कहो वापस करे!
प्रश्न: सरकार किसे वापस करेगी?
उत्तर: साहित्य अकादमी को!
प्रश्न: वो तो सरकारी है!
उत्तर: तुम चूति*** हो!
प्रश्न: अकादमी का कोई बयान नहीं अाया!
उत्तर: किस पर?
प्रश्न: यही, सम्मान वापसी पर!
उत्तर: क्यों देगी बयान?
प्रश्न: हां, मोदी ने भी न दिया!
उत्तर: मोदीजी के आगे कोई नहीं बोल सकता!
प्रश्न: क्यों?
उत्तर: वो शेर हैं शेर!
प्रश्न: पीछे भी नहीं बोल सकते?
उत्तर: तुम अभी बोल के दिखाओ, तुम्हरी गां*** तोड़ देंगे!
प्रश्न: मैं तो आगे पीछे दोनों तरफ से बोल दूंगा!
उत्तर: मैं तो तुझे आगे पीछे दोनों तरफ से खोल दूंगा!
प्रश्न: किस किस को खोल देंगे?
उत्तर: जो भी हिंदू नहीं है!
प्रश्न: जिन लेखकों की हत्या हुई, वो तो हिंदू थे!
उत्तर: कम्युनिस्ट थे माद*****। दलाल देशद्रोही थे!
प्रश्न: कम्युनिस्ट देशद्रोही कैसे?
उत्तर: साले देश को बांटना चाहते हैं!
प्रश्न: और आप जोड़ रहे हैं?
उत्तर: नहीं तो का भो**** के तोड़ रहे हैं?
प्रश्न: और क्या कर रहे हैं?
उत्तर: विकास कर रहे हैं!
प्रश्न: किसका?
उत्तर: देश का भो**** के अंधे की झां***!!
प्रश्न: हत्याएं विकास हैं?
उत्तर: हिंदू राष्ट्र में ही अब विकास हो पाएगा!
प्रश्न: अव्वल तो आप ऐसा कर नहीं पाएंगे!
उत्तर: 2020 तक सब हो जाएगा.
प्रश्न: तो क्या आप सारे लेखकों को मार देंगे?
उत्तर: सारे फर्जीफिकेशन करने वालों को!
प्रश्न: साहित्य रहेगा या नहीं?
उत्तर: संस्कृति रहेगी तो साहित्य खुद आ जाएगा!
प्रश्न: हत्यारों की कोई संस्कृति नहीं होती!
उत्तर: चूतिया हो। हत्यारों ने ही संस्कृति बनाई.
प्रश्न: आज मैं आपके सामने नतमस्तक हूं!!
उत्तर: हमको पता था बेटा, तुम्हरी लंगोट लाल नहीं है.
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