Sunday, March 25, 2018

हमारी जानकारी अमरीकियों को बेच रहे पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही भले प्रधानमंत्री न हों, मगर व्यापारी बड़े भले हैं। उज्जवल धवल दाढ़ी के पीछे जतन से छुपाकर रखे चेहरे में दुनिया भर की भलाई समाई हुई है। यह उनकी भलाई ही तो है कि वह अपनी वेबसाइट के जरिए हम भारतीयों का डाटा लेते हैं और दुनिया में सबसे भले कहे जाने वाले अमरीकियों को बेच देते हैं। आप पूछ सकते हैं कि बेचना तो व्यापारी का मूल कर्म है, इसमें भला क्या खास बात? जवाब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भलाई करने की पुरानी गुजराती आदत। साहेब हमारा डाटा अमरीकियों को बेचते भी हैं और बदले में उन्हें पैसा भी देते हैं।

चार दिन पहले की बात है। फ्रांस के अपने दोस्त एलियट एल्डरसन ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम कर दिखाया है, पिछले सत्तर सालों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया। बल्कि पिछले सत्तर सालों में वह काम दुनिया का कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया, जो काम अकेले इस महामानव ने कर दिखाया है। सत्तर सालों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने अपनी वेबसाइट- narendramodi.in और नमो एप्प बनाया। आप पूछ सकते हैं कि इसमें ऐसा कौन सा महान काम कर दिया? वेबसाइट या एप्प बना लेना कौन सा महान काम है? जवाब है कि वेबसाइट और एप्प बना लेना महान काम नहीं, लेकिन इसके जरिए हम भारत के नागरिकों की वह सारी जानकारी अमेरिका के in.wzrkt.com को धन देकर बेचना महान काम है। महान लोग हैं, महान-महान करते हैं।

अब आप ये भी पूछ सकते हैं कि ऐसे कैसे दे दी हमारी जानकारी? वैसे इस सवाल के जवाब में मैं भी सवाल पूछ सकता हूं कि ऐसे कैसे दे दिया वोट? मगर मैं उस भक्त संप्रदाय से नहीं हूं जिसके भगवाधारी आईटी सेल में उगते हैं, इसलिए नहीं पूछूंगा। बस हिंदी में बताउंगा कि कैसे दे दी जानकारी। ये कोई बड़ी लंबी चौड़ी बात नहीं, बस इतनी ही है कि जब आप narendramodi.in पर अपने कंप्यूटर या मोबाइल से या नमो एप्प पर अपने कंप्यूटर या मोबाइल से जाते हैं तो यह आपसे कुछ डाटा मांगता है। फ्रांसीसी सुरक्षा शोधकर्ता एलियट एल्डरसन बताते हैं कि यह डाटा भरकर सबमिट करते ही यह सीधे अमेरिका स्थित in.wzrkt.com के सरवर में पहुंच जाता है।

एक चीज और। 23 मार्च 2018 तक narendramodi.in की प्राइवेसी पॉलिसी में साफ लिखा था कि Your personal information and contact details shall remain confidential and shall not be used for any purpose other than our communication with you. The information shall not be provided to third parties in any manner whatsoever without your consent. If you have any questions or suggestions regarding our privacy policy, please contact us at admin@narendramodi.in
यानी- हमारी व्यक्तिगत सूचना और कॉन्टैक्ट डीटेल्स गोपनीय रखी जाएंगी और सिवाय हमसे बातचीत के किसी और चीज के लिए प्रयोग नहीं की जाएंगी। बगैर हमारी इजाजत यह सूचना किसी तीसरे को किसी भी सूरत में नहीं दी जाएगी। प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अगर हमारे पास कोई सवाल या सुझाव है तो साइट एडमिन से संपर्क करें।

अब जब लेन-देन, वायदा-व्यापार का मामला खुल गया है तो narendramodi.in पर पूरी बेशर्मी से लिख दिया गया है कि हमारा जो कुछ भी लिया है, उसे तीसरे को देंगे ही देंगे। इसलिए देंगे क्योंकि तीसरा वह डाटा लेकर हमें हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात बताता रहेगा। (यार कभी धन की भी बता दिया करो!)  यूटर्न लेने की आदी सरकार ने हमारे डाटा की गोपनीयता को जुमलेबाजी में उड़ा दिया है और उड़ाकर सीधे अमेरिका पहुंचा दिया है।

एक चीज और। in.wzrkt.com पर जाएंगे तो कुछ भी नहीं मिलने वाला। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह वह अमेरिकी वहां से झोला उठाकर चल दिए हैं। फकीर हैं या नहीं, यह फकीर से ही पूछें। बहरहाल, राजनीति की दुनिया की तरह तकनीक की दुनिया से इतनी आसानी से कोई झोला उठाकर जा नहीं पाता। सुराग छोड़ ही जाता है। एल्डरसन भाई ने शर्लक होम्स की तरह उस सुराग का पीछा किया और खोजते-खोजते जा पहुंचे in.wzrkt.com की जड़ में। पता चला कि यह क्लेवर टैप नाम की अमेरकी कंपनी है, जो नेक्स्ट जेनरेशन एप्प
प्लेटफॉर्म तैयार करती है। बाजारू लोगों को यह डाटा बेचकर डेवलपर देकर वह कराती है, जो ब्रिटेन वाली कंपनी ट्रंप ताऊ को कराती थी। इस कंपनी के कर्ता-धर्ता सुनील थॉमस हैं। सुनील पहले नेटवर्क 18 में थे। वही, जो अंबानी का अखबार है, जिसमें अंबानी जी जो चाहते हैं, वही चलता है।

जय हो!!



चलते-चलते ये वीडियो भी देख ही लीजिए। बहुत समझ में तो नहीं आएगा, लेकिन इतना जरूर दिख जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह लेन-देन कैसे कर रहे हैं-  

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