इस ट्रिक से टेस्ट करिए फेसबुक की ईमानदारी
फेसबुक कितना ईमानदार है, यह हम खुद टेस्ट कर सकते हैं और इसके लिए किसी का इंजीनियर होना जरूरी नहीं। फेसबुक की ईमानदारी चेक करने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जानने या कोडिंग की भी जरूरत नहीं।
इंटरनेट की दुनिया ट्रिक्स पर चलती है और ट्रिक्स के आविष्कारक डेवलपर्स नहीं, बल्कि हम आप जैसे आम लोग ही होते हैं, जो इंजीनियरिंग तो नहीं जानते, पर अपना काम निकालना जानते हैं।
फेसबुक की ईमानदारी चेक करने के लिए दिन में दो बार मार्क जकरबर्ग की या फेसबुक की फोटो के साथ हैशटैग- #banfacebook और #deletefacebook डालिए। महज चौबीस घंटे के अंदर आप पाएंगे कि फेसबुक ने आपकी रीच कम कर दी है या लिमिटेड कर दी है। यानी आपको फेसबुक पर पहले से कम लोग देख पा रहे हैं या सीमित संख्या में ही वही लोग आपको देख पा रहे हैं, जो रोजमर्रा के स्टेटस अपडेट्स में आपसे जुड़े रहते हैं। यही चीज आप फेसबुक के दूसरे प्रोडक्ट इंस्टाग्राम पर भी चेक कर सकते हैं। इंस्टाग्राम पर तो मैंने आज ही चेक किया है। और शुक्र है कि मैं अकेला नहीं हूं। अब तक सात लाख से भी अधिक लोग इंस्टाग्राम पर फेसबुक का विरोध कर चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते वह सभी एकाउंट अंडरप्ले कर दिए गए हैं, जिन्होंने फेसबुक का उसके किसी भी प्रोडक्ट पर विरोध किया है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेसबुक ने अपने खिलाफ प्रयोग होने वाले लगभग हर भाषा के शब्दों पर प्रोग्रामिंग की हुई है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप फेसबुक का विरोध मैथिली में करते हैं या जुलू में। फेसबुक के स्पाइडर्स उस विरोध को शुरू होते ही पकड़ लेते हैं। अगर वह विरोध आगे बढ़ता है तो वह उसे दबाने में जुट जाते हैं। कैसे दबाते हैं, यह पहले ही बता चुका हूं। अब टाइम है टेस्ट करने का। चाहें तो चेक करें, न चाहें तो वैसे ही उसी भाड़ में बैठकर फुंकते रहें, जिसमें फुंकते रहने को फेसबुक ने सारे यूजर्स को मजबूर कर दिया है।
इंटरनेट की दुनिया ट्रिक्स पर चलती है और ट्रिक्स के आविष्कारक डेवलपर्स नहीं, बल्कि हम आप जैसे आम लोग ही होते हैं, जो इंजीनियरिंग तो नहीं जानते, पर अपना काम निकालना जानते हैं।
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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेसबुक ने अपने खिलाफ प्रयोग होने वाले लगभग हर भाषा के शब्दों पर प्रोग्रामिंग की हुई है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप फेसबुक का विरोध मैथिली में करते हैं या जुलू में। फेसबुक के स्पाइडर्स उस विरोध को शुरू होते ही पकड़ लेते हैं। अगर वह विरोध आगे बढ़ता है तो वह उसे दबाने में जुट जाते हैं। कैसे दबाते हैं, यह पहले ही बता चुका हूं। अब टाइम है टेस्ट करने का। चाहें तो चेक करें, न चाहें तो वैसे ही उसी भाड़ में बैठकर फुंकते रहें, जिसमें फुंकते रहने को फेसबुक ने सारे यूजर्स को मजबूर कर दिया है।
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