Thursday, November 27, 2014

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें (4)

प्रश्‍न- ये आइटम क्‍या होता है?
उत्‍तर- आइटम सांग होता है, आइटम माल होता है।
प्रश्‍न- ये आइटम माल क्‍या होता है?
उत्‍तर- भो*** के, तेरे घर में मां बहन नहीं है क्‍या?
प्रश्‍न- वो तो हैं, पर माल के बारे में कुछ बता रहे थे आप?
उत्‍तर- माल तो वो होता है (दांत दि‍खाते हुए) वो देखि‍ए वो जा रहा है, गुलाबी दुपट्टे में
प्रश्‍न- कैसे तय करते हैं कि कोई लड़की माल है?
उत्‍तर- हम पहले दुकान देखते हैं, फि‍र मकान। उसके बाद ही उसकी कीमत तय करते हैं
प्रश्‍न- ये दुकान और मकान क्‍या है?
उत्‍तर- तुम एकदम चू*** ही हो क्‍या।
प्रश्‍न- फि‍र भी?
उत्‍तर- दुकान मतलब आगे और मकान मतलब पीछे
प्रश्‍न- प्रेम के बारे में आपके क्‍या वि‍चार हैं?
उत्‍तर- हम इन सब चूति‍यापों से दूर रहते हैं। आप भी रहा कीजि‍ए। घर बड़ी शांति से चलेगा।
प्रश्‍न- चुंबन करना चाहि‍ए या नहीं?
उत्‍तर- भारतीय संस्‍कृति में सबकुछ ढंककर होता है। चुंबन में अगर चेहरा ढंका छुपा रहे तो ठीक है, वरना हम इसका वि‍रोध करते हैं।
प्रश्‍न- आपने कभी भाभीजी से प्रेम कि‍या?
उत्‍तर- बि‍लकुल। प्रेम करते हैं तभी तो साल में दो बार घुमाने लेकर जाते हैं
प्रश्‍न- और चुंबन?
उत्‍तर- पि‍छले साल मसूरी में चुंबन लेते हुए सेल्‍फी फेसबुक पर डाली थी।
प्रश्‍न- क्‍या उसमें आपने अपने चेहरे ढंके हुए थे?
उत्‍तर- अरे जब प्रेम करते हैं तो चेहरा ढंकने की क्‍या जरूरत
प्रश्‍न- अभी तो आपने कहा कि आप प्रेम से दूर रहते हैं?
उत्‍तर- हां, तभी तो सीधे रात में ही आपकी भाभीजी से मि‍लते हैं।
प्रश्‍न- पि‍छले साल आपपर बलात्‍कार का आरोप लगा था, क्‍या था वो?
उत्‍तर- झूठा आरोप था। वो तो गणेश पागल होकर उल्‍टा सीधा बक दि‍या था, वरना आरोप ही न लगता।
प्रश्‍न- बलात्‍कार कैसे रुकेंगे?
उत्‍तर- हमारी वाइफ या बहन के साथ आज तक कुछ नहीं हुआ। हम उनको घर से बाहर ही नहीं नि‍कलने देते।
प्रश्‍न- पर एक अंग्रेजी अखबार की रि‍पोर्ट है कि 70 फीसद से ज्‍यादा बलात्‍कार की घटनाएं घर में होती हैं, उसपर क्‍या कहेंगे?
उत्‍तर- मा******* हैं अखबार वाले। पूरा मीडि‍या बि‍का हुआ है। ईसाइयों से पैसा लेकर कुसंस्‍कृति फैला रहे हैं।

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