Saturday, November 29, 2014

नतमस्‍तक मोदक की नाजायज औलादें (12)

प्रश्‍न- आप अपनी जेब में हमेशा ये माचि‍स की तीली क्‍यों रखते हैं?
उत्‍तर- दांत और कान खोदने के लि‍ए
प्रश्‍न- क्‍या एक ही तीली से दोनों काम करते हैं?
उत्‍तर- एक तरफ से कान खोदते हैं, दूसरी तरफ से दांत खोदते हैं
प्रश्‍न- याद कैसे रहता है कि कि‍ससे कान खोदा था और कि‍ससे दांत?
उत्‍तर- वो... टेस्‍ट आ जाता है।
प्रश्‍न- कैसा टेस्‍ट?
उत्‍तर- कान के मैल का
प्रश्‍न- क्‍या हर चीज में ही आप ऐसे ही टू इन वन इस्‍तेमाल करते हैं?
उत्‍तर- हर चीज माने?
प्रश्‍न- मतलब हर समस्‍या के लि‍ए?
उत्‍तर- और क्‍या। एक लठ्ठ से हजार समस्‍या हल की जा सकती हैं
प्रश्‍न- जैसे कि?
उत्‍तर- जैसे इन मुल्‍लों को लठ्ठ मार मारके इस देश से भगाया जाएगा
प्रश्‍न- कहां भगाएंगे इनको?
उत्‍तर- भागें साले वहीं अपने देश पाकि‍स्‍तान
प्रश्‍न- पर उन्‍होंने आपका क्‍या बि‍गाड़ा है?
उत्‍तर- उन्‍हें देखकर हमारी झां*** सुलगती है
प्रश्‍न- क्‍यों?
उत्‍तर- बचपन से हमें सि‍खाया गया है कि उनके लि‍ए दि‍ल में आग रखनी चाहि‍ए आग
प्रश्‍न- तब तो आपका दि‍ल हमेशा जलता रहता होगा?
उत्‍तर- जब जब चौक में उस हरामी की जूते की दुकान देखता हूं, मन करता है फि‍र से फूंक दूं उसे
प्रश्‍न- फि‍र से का क्‍या मतलब, क्‍या पहले भी जला चुके हैं?
उत्‍तर- और क्‍या समझते हो ये तीली झां**** सुलगाने के लि‍ए रखी है जेब में?
प्रश्‍न- पर आपके ही दोस्‍त कहते हैं कि आप जूते वाली की पत्‍नी के साथ संभोग करना चाहते थे?
उत्‍तर- रंडी है साली। पूरा शहर चढ़ता है उसपर
प्रश्‍न- क्‍या आप संभोग कर पाए?
उत्‍तर- रंडीबाज समझा है क्‍या हमको?
प्रश्‍न- पर खुद आपकी पत्‍नी ने आपको कई बार परस्‍त्रीगमन करते हुए पकड़ा है?
उत्‍तर- ये पर.. पर... ये क्‍या शब्‍द बोला तुमने?
प्रश्‍न- परस्‍त्रीगमन?
उत्‍तर- ये क्‍या होता है?
प्रश्‍न- आपकी पत्‍नी ने आपको कि‍सी दूसरी स्‍त्री के साथ संभाग करते हुए पकड़ा था?
उत्‍तर- कौन भो**** का तुमको बताया हरामी साले? देखते नहीं हम ति‍लक धारण कि‍ए हुए हैं।
प्रश्‍न- क्‍या आप जनेऊ पहनते हैं?
उत्‍तर- नहीं
प्रश्‍न- क्‍या आपका उपनयन संस्‍कार हुआ है?
उत्‍तर- हां, पर पहनते नहीं।
प्रश्‍न- क्‍यों नहीं पहनते?
उत्‍तर- तुम क्‍यों नहीं पहनते?
प्रश्‍न- मैं मानता नहीं?
उत्‍तर- तुम चूति‍ये हो।
प्रश्‍न- माचि‍स की तीली से क्‍या आप अपनी नाक का मैल नि‍काल सकते हैं?
उत्‍तर- इधर आओ हरामी साले तुम्‍हारी गां*** का मैल नि‍कालते हैं कुत्‍ते। हमेशा भौंकता रहता है। 

No comments: