प्रश्न- ठंड बहुत बढ़ गई है, क्यों?
उत्तर- नहीं
बेटी*****, लू चल रही है!
प्रश्न- नहीं, वाकई ठंड बढ़ गई है?
उत्तर- हम कह तो रहे हैं कि लू चल रही है! रामसजीवनवा कखरी में प्याज दबाए घूम रहा है!
प्रश्न- अकेले यूपी में ठंड से दर्जनों की जान चली गई?
उत्तर- वो साले बुड्ढे रहे होंगे।
प्रश्न- जवानों की भी जान गई है?
उत्तर- वो साले भरी जवानी में बुढ़ा गए होंगे
प्रश्न- आपका मतलब है ठंड नहीं है और वो लोग ठंड से नहीं मरे?
उत्तर- उनकी आई थी मर गए। वैसे भी बूढ़ों को ही ठंड लगती है
प्रश्न- और आपको?
उत्तर- क्या हमको बे?
प्रश्न- मतलब क्या आपको ठंड नहीं लग रही?
उत्तर- अबे ठीक से पहनते ओढ़ते हैं, बढ़िया खाते हैं... झां*** लगेगी हमको ठंड!
प्रश्न- और आपके उनको?
उत्तर- मेरे किनको?
प्रश्न- आपके आका, आपके सरदार, आपके नमो को, क्या उनको भी नहीं लगती?
उत्तर- देखे नहीं, छुच्छै सदरी पहने टहलते हैं हर जगह। उनको भला ठंड लग सकती है?
प्रश्न- पर आपने तो सदरी के नीचे स्वेटर और इनर भी पहन रखा है?
उत्तर- तुम ये बताओ कि तुम अपनी गर्मी का इंतजाम कैसे करते हो बक****?
प्रश्न- पर माहौल गरम हो गया है?
उत्तर- अब आए ना सही लाइन पे। तुमसे हम पहले भी कहे थे छोटी लाइन की सवारी छोड़ दो
प्रश्न- गलत लोगों को भारत रत्न मिलने पर माहौल गर्म हुआ है?
उत्तर- कौन से गलत लोग भो**** के। वाजपेयी जी को मिल रहा है तो तुम्हारी गां*** क्यों फट रही है?
प्रश्न- पर उनने तो गद्दारी की थी?
उत्तर- तो?
प्रश्न- ऐसे में भारत रत्न का कोई तुक नहीं बनता?
उत्तर- नहीं तो क्या तुम माओवादियों को दे दें भारत रत्न? कल को तुम कहोगे कि कल्लू पाकेटमार को भी दे दें भारत रत्न
प्रश्न- उनने सैनिकों के ताबूतों में पैसे खाए?
उत्तर- उनने गां*** भी मराई। फिर भी देंगे, झां*** उखाड़ लो अब
प्रश्न- उनने आतंकियों को रिहा किया?
उत्तर- तुम अपनी बीवी को मारते थे ना?
प्रश्न- उन्हीं के वक्त में गुजरात दंगा हुआ?
उत्तर- तुम्हारी बीवी शहर भर में कहती घूम रही है कि तुम उसे मारते थे
प्रश्न- सीमा पर जवान से लेकर देश के अंदर हिंदू-मुसलमान, सैकड़ों की संख्या में मारे गए?
उत्तर- अभी तो हमें यही लग रहा है कि तुम्हारी गां*** टूटने वाली है
प्रश्न- ऐसे आदमी को भारत रत्न देने का क्या तुक है?
उत्तर- अभी अगर तुम्हारी गां*** टूट जाए तो कोई तुक है? बोलो? है कोई तुक?
प्रश्न- आप गालियों में वाजिब सवाल को नजरअंदाज नहीं कर सकते?
उत्तर- तो गोलियों में कर देंगे। कोई कमी थोड़े है
प्रश्न- क्या मतलब, आप हथियार इकठ्ठा कर रहे हैं?
उत्तर- नहीं भो*** के, झाड़ू की तीली इकठ्ठा कर रहे हैं
प्रश्न- क्या करेंगे इन हथियारों का?
उत्तर- स्वदेश सफाई अभियान चलाएंगे
प्रश्न- हथियारों से कैसी सफाई?
उत्तर- कटुए साले बड़ी गंदगी करते हैं
प्रश्न- पर उनके मुहल्ले में आपकी पालिका का स्वीपर नहीं जाता?
उत्तर- गंधैलों के यहां हमारे स्वीपर भी जाने से बचते हैं
प्रश्न- मतलब आप उनके यहां सफाई भी नहीं होने देंगे और उन्हें मार भी देंगे?
उत्तर- एक और तरीका है
प्रश्न- क्या?
उत्तर- उनसे बोलो घर वापस आ जाएं, माफ कर देंगे
प्रश्न- चुनाव के पहले तो आप सबके विकास की बात करते थे?
उत्तर- वो तो अब भी करते हैं। आगरा से लेकर एमपी छत्तीसगढ़ देख लो, सैकड़ों लोगों का विकास किया।
प्रश्न- कैसे किया ये विकास?
उत्तर- दुनिया के सबसे बड़े धर्म में वापसी कराई। क्या ये विकास नहीं है?
प्रश्न- धर्म परिवर्तन विकास है?
उत्तर- बीपीएल कार्ड विकास है। योगी जी का साथ है, जो ना माने लात है। लात खाओगे? आज धुलकर लाए हैं
प्रश्न- पर आप तो धर्म परिवर्तन का विरोध करते आए हैं?
उत्तर- और हमेशा करते रहेंगे। संसद में कानून भी बनाने जा रहे हैं
प्रश्न- कानून बना तो आप भी ये हरकतें नहीं कर पाएंगे?
उत्तर- कौन सी हरकतें?
प्रश्न- यही, घर वापसी जैसी हरकतें?
उत्तर- हमें कौन रोकेगा?
प्रश्न- आपका ही बनाया कानून?
उत्तर- चूतिये हो तुम
प्रश्न- वो कैसे?
उत्तर- अबे कानून उनके लिए बना रहे हैं घोंचू
प्रश्न- मतलब आप कानून नहीं मानेंगे, घरवापसी कराते रहेंगे?
उत्तर- बिलकुल। भारत हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा। हम बनाएंगे
प्रश्न- पर इतिहास में तो ऐसा नहीं लिखा?
उत्तर- बतरा वाला पढ़ो। सब लिखा है
प्रश्न- आप तो पूरी तरह से आतंकियों जैसी बात कर रहे हैं?
उत्तर- धर्म का राज तो तुम स्टालिन की नाजायज औलादों को आतंक ही दिखेगा
प्रश्न- आपके मुताबिक देश में धर्म का राज है?
उत्तर- नहीं तो क्या भो*** के अधर्म का राज है?