Sunday, December 1, 2013

न भागा जाये है मुझसे न ठहरा जाये है मुझसे

हुये हैं पाँव ही पहले नबर्द-ए-इश्क़ में ज़ख़्मी...
न भागा जाये है मुझसे न ठहरा जाये है मुझसे.
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यहां नॉर्वे में आज बर्फ गि‍री है, भेड़ों को बाड़े में बंद करके बाहर जग्‍गू और बादल (एक मेरा और एक फल पत्‍थरर वि‍ज्ञानी भारत का) छोड़ दि‍ए हैं।

रजाई में बैठकर अंडे की भुजि‍या की भाप देख रहे हैं। भुजि‍या की महक कमरे से नि‍कलकर पड़ोसि‍यों तक पहुंचने लगी है।

कई सारे पड़ोसि‍यों से चर्चा भी हुई कि भाप ज्‍यादा इंपॉर्टेंट है या भुजि‍या की महक या उसे देखना...
तो अब बस फि‍ल्‍म शोले और हमप्‍याला..
(पायरेसी के जमाने में ये फोटो शायद पाइरेसी में नहीं आती। इसलि‍ए कानूनन माना जाए कि हम शोले ही देख रहे हैं। और अब भुजि‍या खाकर खत्‍म कर दि‍ए हैं)

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