योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार को दी गाली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 अप्रैल को कैमरे के सामने एक पत्रकार को चूतिया बोल दिया। हालांकि आप सभी वह विडियो देख ही चुके होंगे, जिसमें योगी आदित्यनाथ एएनआई के कैमरामैन को क्या करते हो, चूतियापने का काम करते हो कहते देखे और सुने जा रहे हैं, लेकिन जिनने न देखा हो, एक बार फिर से देख लीजिए, उसके बाद हम बताएंगे इस खबर के पीछे की ऐसी खबर, जिसमें इस चूतिया शब्द के आने ने एक नई ही कहानी लिख रखी है।
इस विडियो के सामने आते ही सबसे पहले तो बीजेपी आईटी सेल यह कहने पर जुट गई कि यह फेक है। एक चैनल में काम करने वाले कथित गोदी मीडिया एंकर दीपक चौरसिया ने कहा कि सीएम योगी के आपत्तिजनक शब्द बोलने का मामला। एडिटेड निकला सीएम योगी का Video, वीडियो के आखिरी 3 सेकेंड में जोड़े गए आपत्तिजनक शब्द। लेकिन अल्ट न्यूज ने बताया कि विडियो एकदम सच्चा है और सिर्फ एनआई ही नहीं, उस वक्त चैनल पर इसी बातचीत का लाइव चलाने वाले एबीपी गंगा न्यूज और नेटवर्क 18 न्यूज पर भी चला है।
अब सबसे पहले तो यह सवाल पैदा होता है कि मुंह पर चूतिया कहने जाने के बाद एएनआई ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है? इसके जवाब में हमें आपको बताने के लिए दो खबरें हैं। पहली यह कि 5 मार्च तक एएनआई ने अपने कैमरामैन को पड़ी गाली पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनके ट्विटर हैंडल पर अभी तक इस बारे में कोई रिएक्शन नहीं आया है। वहीं दूसरी बात यह है कि यूपी सरकार एएनआई को एक करोड़ रुपए सालाना दे रही है अपनी कवरेज के लिए, तो रिएक्शन लगता नहीं कि आएगा। जाने माने पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने आदित्यनाथ सरकार की वह चिट्ठी अपने ट्विटर हैंडिल पर पोस्ट की है, जिसमें उसे एक करोड़ रुपए सालाना दिए जाने की बात है और जिसे आप स्क्रीन पर देख सकते हैं। यह चिट्ठी 27 अप्रैल 2018 को जारी की गई है, जिसमें एएनआई को एक करोड़ रुपए देकर यूपी सरकार अपने यूट्यूब चैनल पर अपनी क्लिपिंग चलवाने की बात भी है। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह कहते हैं कि साल के एक करोड़ लेकर योगी सरकार के लिए प्रचार करने वाली ANI को अपने आत्मसम्मान की बिलकुल चिंता नहीं है। किस स्तर तक गिर सकती है यह सरकार? माफी मांगने की जगह वीडियो को झूठा ठहराने का प्रयास? अगर झूठा है तो असली वीडियो जारी कर मुक़दमा दर्ज कर दीजिए सभी पर। कोर्ट में फ़ैसला होगा।
वहीं प्रसिद्ध पत्रकार रोहिणी सिंह इस मसले पर कहती हैं कि तानाशाह की प्रवृत्ति होती है, जितना झुकोगे वो तुम्हें उतना ही डराता जाएगा और जब आंख मिला कर बात करोगे तो डर कर भागेगा या तो अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करेगा। गाली मुख्यमंत्री दें, चलाएं उनके पसंदीदा चैनल और FIR उनपर करेंगे जो सवाल पूछते हैं? ये है आपका रामराज्य? शर्म नहीं आती? यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चार स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि पत्रकारों को दिये ‘मान्यवर’ के प्रवचन सुनिए मधुर, पर हेडफ़ोन लगा के सुनिए व ‘बच्चों से रखिए दूर!’ वैसे आपको बता दें कि ऐसी भी खबरें हैं कि इस विडियो को प्रसारित करने वालों पर यूपी सरकार मुकदमा दर्ज करा सकती है। अब जरा सुनिए कि इस पर पूर्व आईएएएस सूर्य प्रताप सिंह के क्या तेवर हैं, पांच मार्च को सूर्य प्रताप जी ने ट्वीट करके कहा है कि आज से योगी जी का गाली देने वाला वीडियो मीडिया को आईना दिखाने के लिए मैं रोज सुबह ट्वीट करूंगा।
मैं सरकार के पक्ष के सभी वीडियो एक्स्पर्ट्स, कानूनी जानकार और फ़ारेंसिक टीम को खुली चुनौती देता हूं की मुझे ग़लत साबित करें और गिरफ़्तार कर लें। याद रखिएगा, रोज सुबह करूंगा। गोदी पत्रकार दीपक चौरसिया के बारे में सूर्य प्रताप सिंह कहते हैं कि इस आदमी की नीचता देखिए। सच सामने आने के बाद भी ना ट्वीट हटाया और ना ही स्पष्टिकरण देने की लाज है इनमें। मीडिया का यह नीचतम स्तर भारत के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है। जब सम्पादक स्तर के लोग ‘सत्ता’ के आगे ‘छम्मकछल्लो’ समान नृत्य कर रहे हैं। इन चेहरों को याद रखना। इस विडियो के सामने आने के बाद भारत में मीडिया की खबरों पर चलने वाली वेबसाइट भड़ास फॉर मीडिया के संपादक यशवंत सिंह ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से ऐसी उम्मीद न थी. एक योगी नामधारी शख्स से ऐसी भाषा की तो कतई उम्मीद न थी. वह भी तब जब यह योगी इतने बड़े प्रदेश की सीएम की कुर्सी पर बैठा हो.
सीएम आदित्यनाथ योगी ने वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरामैन को ‘चूतिया’ बोल दिया. उनका यह गुस्सा, यह अभद्र वचन लाइव टेलीकास्ट हो गया. इसके कारण हर ओर सीएम योगी की किरकिरी हो रही है. सीएम योगी के भक्त गण, आईटी सेल और नौकरशाही डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. हर तरफ झूठ फैलाया जा रहा है कि सीएम योगी द्वारा गाली दिए जाने वाला वीडियो फर्जी है, एडिटेड है. साथ ही वीडियो शेयर करने वालों को मुकदमा झेलने की धमकी दी जा रही है. पर सच्चाई ये है कि सीएम योगी द्वारा गाली दिए जाने वाला वीडियो बिलकुल सही है. इस वीडियो का लाइव टेलीकास्ट भी दो भक्त चैनलों पर हो चुका है. दरअसल कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद जब सीएम योगी से एएनआई का रिपोर्टर बाइट ले रहा था तो योगी के मुखारबिंदु से निकलने वाले शब्दों को तत्काल दो भक्त चैनलों ने लाइव प्रसारित करना शुरू कर दिया. इसी दौरान एएनआई की रिकार्डिंग में कुछ डिस्टर्बेंस होने से सीएम योगी का धैर्य चुक गया और कैमरामैन को चूतिया बोल बैठे. तब तक इस सदवचन का दो दो भक्त चैनलों पर प्रसारण भी हो चुका था.
यशवंत सिंह कहते हैं कि सीएम योगी द्वारा देश की जानी मानी वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरामैन को गाली दिए जाने के मुद्दे पर पूरा मीडिया जगत खामोश है. निन्नायनबे फीसदी से ज्यादा चैनल तो भक्त चैनल में तब्दील हो चुके हैं. जो कुछ एक भक्त चैनल नहीं हैं वे भी डैमेज कंट्रोल की कवायद में फंस चुके हैं. अगर यही गाली अरविंद केजरीवाल या राहुल गांधी के मुंह से निकली होती तो भारतीय मीडिया अब तक आसमान सिर पर उठा चुका होता और पूरे देश की जनता को बता चुका होता कि ये नेता कितने गंदे हैं. पर ये कांड बीजेपी के एक सीएम द्वारा किया गया है इसलिए उनका हर खून माफ. वहीं पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह इस मसले पर कहते हैं कि अब जब ‘गाली प्रकरण’ पर दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है
तब मैं @dgpup और @ChiefSecyUP से अनुरोध करूंगा की मुख्यमंत्री के सभी सलाहकारों पर जनता को मुक़दमे की धमकी देने, अपने पद का दुरुपयोग कर डराने और भय का माहौल पैदा करने के जुर्म में मुक़दमा दर्ज किया जाए। वे कहते हैं कि आज की हरकत ने CM ऑफ़िस को पूरी तरह एक्स्पोज कर दिया। जब यह पत्रकारों को गाली दे सकते हैं, एक लाइव वीडियो को खुले आम एडिटेड बता कर मुक़दमा दर्ज करने की धमकी दे सकते हैं, तब यह किसी भी स्तर पर जा सकते हैं। मुझ पर निजी हमले होंगे, झूठे मुक़दमे लिखे जाएंगे, पर यह लड़ाई जारी रहेगी। सूर्य प्रताप सिंह ने एएनआई के संपादक जी से भी सवाल किया कि क्यूं @ishaan_ANI जी? आज आप कुछ नहीं बोलेंगे, क्या आपमें भी आत्मसम्मान नहीं बचा? क्या आप भी अपनी संस्था के बारे में ऐसा सोचते हैं? आज दो बातें हो सकती हैं: 1. या तो ANI अपने आत्मसम्मान की रक्षा करेगा 2. या तो साबित हो जाएगा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठीक ही कह रहे थे।
प्रसिद्ध पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापड़ी कहते हैं कि ANI पर भारी दबाव है कि वो सफ़ाई दे कि आदित्यनाथ का गाली देने वाला वीडियो EDITED है पर ANI भी अब चाहते हुए भी ये नहीं कर सकता क्योंकि गाली LIVE गई थी , जिसे बाद में ANI ने हटा दिया ( screenshotsDown pointing backhand index) नतीजा ये है कि अब कुछ बिकाऊ एंकरों को योगी के रफू पैबंद के काम पर लगा दिया गया है। हालांकि ये रफू पैबंद बहुत चलता नजर नहीं आ रहा है। सच और झूठ अलग अलग करने वाली विश्व प्रसिद्ध वेबसाइट अल्ट न्यूज ने इस क्योंकि इस झूठ के ताबूत में आखिरी कील गाड़ दी है और बता दिया कि योगी आदित्यनाथ ने जो बोला, वह सौ फीसद सच बोला। अब कमेंट में ये बताइए कि योगी आदित्यनाथ जो कह रहे हैं, वह क्या सिर्फ एनएनआई ही है, या फिर और कौन कौन हैं?
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