Friday, January 9, 2015

कि‍तने सीने चाक करोगे?

कि‍तने सीने चाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?
कलमों के कोरो से हम सब
हर सुबह नई बनाएंगे
यूं ही ना मि‍ट पाएंगे
यूं ही ना मि‍ट पाएंगे।

दस मारोगे, सौ आएंगे
बंदूकों से ना डर पाएंगे
नफरत जि‍ससे तुम करते हो
प्रेम गीत वो हम गाएंगे
गीत हमारे गाने पर तुम
गोली से इंसाफ करोगे?
कि‍तने सीने चाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?

पैगंबर की ध्‍वजा उठाकर
हरे रंग पर लहू बि‍छाकर
लाशों का अंबार लगाकर
कैसे खुद को माफ करोगे?
कि‍तने सीने चाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?

हंस हंस के हम चलते हैं
तो दुनि‍या आगे बढ़ती है
हंसने पे गोली चलती है
तो दुनि‍या रंग बदलती है।
अब हंसी का तुम हि‍साब करोगे?
कि‍तने चेहरे खाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?

हो जाएगी दुनि‍या वीरानी
सांसे होंगी तब बेइमानी
ये नहीं तुम्‍हारी नादानी
अब पत्‍थर में जज्‍बात भरोगे?
कि‍तने सीने चाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?

कि‍तने सीने चाक करोगे?
कि‍तने पन्‍ने राख करोगे?
कलमों के कोरो से हम सब
हर सुबह नई बनाएंगे
यूं ही ना मि‍ट पाएंगे
यूं ही ना मि‍ट पाएंगे।

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