tag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post1159980588060920133..comments2024-03-14T00:05:43.330-05:00Comments on bajaar: सत्ता के तलवे चाटने वाले पत्रकारिता की बात नहीं करते रोहित जी!Unknownnoreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-51155435554836842472016-08-20T13:53:11.617-05:002016-08-20T13:53:11.617-05:00Bahut khoob pawan mishra ji
Kuch patrakar bhaktik...Bahut khoob pawan mishra ji <br />Kuch patrakar bhaktikal ke kavi ho gaye hai or sirf bhakto ko hi rijhapate hai or jo nhi rijhta use gariyate hai, or ek nyi khoj bhi in bhakto ne deshdroh namak lanjhan ke rup me thopne ke liye kar li hai ,<br />संजय चौधरीhttps://www.blogger.com/profile/18000238738663088373noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-70919758909431634552016-08-20T03:05:33.788-05:002016-08-20T03:05:33.788-05:00Bhatt g aap bhi pakke waale bhakt lag rhe ho. Sorr...Bhatt g aap bhi pakke waale bhakt lag rhe ho. Sorry agar bura laga ho tohPawan Mishrahttps://www.blogger.com/profile/10197725299650248939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-65698347269027697282016-07-11T08:32:35.885-05:002016-07-11T08:32:35.885-05:00अगर पत्रकार गलत को गलत कहे तो उसे कोई भी देशद्रोही...अगर पत्रकार गलत को गलत कहे तो उसे कोई भी देशद्रोही नहीं कहेगा उसे हर कोई सपोर्ट करेगा लेकिन अगर पत्रकार सही को भी गलत साबित करना चाहेगा तो वोह देश हित न होकर अहित का विषय होगा तो उसे जरूर देशद्रोही कहंगे पत्रकार को भारीतय सविधान के अनुसार लोकत्रंत का तीसरा स्तंभ कहा है अगर तीसरा स्तंभ गलत काम करेगा तो सब कुछ गलत होगा जो की रविश, बरखा, राजदीप, पुण्य प्रसून हमेशा करते नजर आते हैं...<br /><br />सही पत्रकार को जनता हमेशा अपना हमदर्द मानती है...वोह देशद्रोही कैसे हो सकता है...सरकार की गलत निति के विषयो को जनता के सामने उजागर करना सच्ची पत्रकारिता कहलाई जायेगी...<br /><br />लेकिन यहाँ आज पत्रकारिता का स्तर मोदी विरोध में इतना गिर गया है कि वोह लोग देशद्रोहियों की तरह कार्य कर रहे हैं...<br /><br />सरकार की अच्छे कार्यो को गलत कहना और उसका गलत प्रचार ही असली देशद्रोही हैं....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13663235276838866519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-5963833594807305422016-07-11T08:03:16.218-05:002016-07-11T08:03:16.218-05:00यहाँ तो पत्रकारिता का मतलब ही बदल दिया गया है अगर ...यहाँ तो पत्रकारिता का मतलब ही बदल दिया गया है अगर अपने सच्चाई बताई तो आप देश द्रोही करार दे दिए जायेंगे जबकि पत्रकारिता का यही उसूल है की गलत बातों की आलोचना ज़रूरी है वरना इन्दिरा गांधी के इमरजेंसी के समय अगर पत्रकारो ने यह ना किया होता तो शायद तभी भक्ति पत्रकारिता शुरू हो गयी होती।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13798088490671066039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-3247112959912690112016-07-10T20:26:13.141-05:002016-07-10T20:26:13.141-05:00मिसिर जी पत्रकार को अपनी सोच क्यों ठोंपनी चाहिए, अ...मिसिर जी पत्रकार को अपनी सोच क्यों ठोंपनी चाहिए, अगर वो जैसा हैं वैसे की रिपोर्ट करता हैं तब 180० का शिफ्ट कैसे होता हैं। prathakhttps://www.blogger.com/profile/10800904053535300550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-43675505113442957922016-07-10T15:55:24.226-05:002016-07-10T15:55:24.226-05:00देखिए यह बहुत हास्यास्पद है कि एक पत्रकार दूसरे के...देखिए यह बहुत हास्यास्पद है कि एक पत्रकार दूसरे के खिलाफ बोल रहा है ऐसा नहीं होगा चाहिए इससे देश के लाखों पत्रकारों को पीड़ा हो रही है यह नहीं होना चाहिए<br /> ओंकार धर द्विवेदी<br /> महामंत्री<br /> गोरखपुर जर्नलिस्टस प्रेस क्लब गोरखपुरAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/15128671968254176076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-23267741950762753602016-07-10T08:45:31.137-05:002016-07-10T08:45:31.137-05:002002 और 2014 में बहुत अंतर है साहब।2002 और 2014 में बहुत अंतर है साहब।Pankaj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03335505327236381962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-45809785557403907902016-07-10T03:19:14.131-05:002016-07-10T03:19:14.131-05:00सरकार जिन मुद्दों पर सही काम कर रही हो उन विषयों ज...सरकार जिन मुद्दों पर सही काम कर रही हो उन विषयों जनता के सामने लाना भी सच्ची पत्रकारिता है...<br />जो की रविश, बरखा, राजदीप, पुण्य प्रसून कभी नहीं करते हैं और विपक्ष की गलत आरोपों को भी सही साबित करने में लगे रहते हैं. यह कौन सी पत्रकारिता है???<br />सरकार की गलत निर्णयों को जनता के सामने लाना सच्ची पत्रकारिता है जो पूर्व में कांग्रेस सरकार की गलत नीति का इन बुद्धिजीवियों ने कभी नहीं किया...जबकि आज सरकार कही गलत होती है तो रोहित और शुधिर एक सुर में विरोध कर जनता का विरोध प्रकट करते हैं...<br /><br />अन्ना आन्दोलन के समय रविश अन्ना के मंच तक पहुच कर भी आज मोदी जी के विरोध में कांग्रेस और आप पार्टी और आतंकवाद को सपोर्ट कर रहे हैं ये कौन सी पत्रकारिता है???कृपया इस विषय पर विस्तार से लिखे...<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13663235276838866519noreply@blogger.com