tag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post4713314069168618614..comments2024-03-14T00:05:43.330-05:00Comments on bajaar: नारद का रंग भगवा क्यों है ?Unknownnoreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-31754373599681875192007-07-31T15:49:00.000-05:002007-07-31T15:49:00.000-05:00हा हा हा. इसलिए कि भगवा को भगवा ही होना था. और फिर...हा हा हा. इसलिए कि भगवा को भगवा ही होना था. और फिर नाम भी तो है-नारद. और उनके काम भी ऐसे नहीं हैं कि कोई भ्रम रहे.Reyaz-ul-haquehttps://www.blogger.com/profile/07203707222754599209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-76363317719374717692007-07-26T07:54:00.000-05:002007-07-26T07:54:00.000-05:00क्या परेशानी है भई ?क्या परेशानी है भई ?Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-12193439325726692232007-07-26T06:25:00.000-05:002007-07-26T06:25:00.000-05:00Bhai ek baat bata, yaar tere pass koi kaam - dhaam...Bhai ek baat bata, yaar tere pass koi kaam - dhaam nahi hai kya, yaar kuch kaam dhanda kar faltoo ki batein kar raha hai- tu bhi na yar kya kahutravel30https://www.blogger.com/profile/00114463185726816112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-29937469595538798332007-07-24T20:45:00.000-05:002007-07-24T20:45:00.000-05:00maine to 1 tippanni di thi aapki likhi post par.Ab...maine to 1 tippanni di thi aapki likhi post par.Ab usko padhkar aapke man mein half pantiyon ke baare mein khyal kaise aaye ye to aap hi jaane,main samajhne mein asamarth hoon.Maine to shayad aisa kuchh nahi likha ki aapko lage ki main kisi sampradayik vichardhara ka samrthak hoon. Baaki aapki marzi hai aap jaisa chahe soche.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-50935888797967069982007-07-24T01:03:00.000-05:002007-07-24T01:03:00.000-05:00बेनाम द्वारा कही गयी बातों का कोई अर्थ नही निकलता ...बेनाम द्वारा कही गयी बातों का कोई अर्थ नही निकलता इसलिये उसी सिरे से ही खारिज कर रहा हूँ ।हाँ एक बात का जवाब जरुर दूंगा। मेरे पास असहमति की जितनी जगह है , शायद उन हाफ पैंटियों के पास भी नही होगी। नमस्ते सदा वत्सले गाने वालों ने जिस तरह से मेरे ब्लोग पर माँ-बहन की गालियाँ भेजी , मैंने उसे तुरंत छापा । बाद मे उन्हें हटाया तो सिर्फ इसलिये क्योंकि सभ्यता के बजार मे वह अवैध अतिक्रमण लग रही थी । रही बात यहाँ पर असहमति को जगह देने की तो वो मैंने दी , ये बात अलग है कि कुछ पुराने हाफ पैंटियों ने ,जो अब कहते हैं कि वो वह नही जो मैं सोच रहा हूँ , उन्हें उन्ही की भाषा मे जवाब दिया। अब देखिए , एक साधारण से सवाल का उत्तर किसी ने नही दिया , सभी लोग इसे विवाद जरूर कहने लगे । इसी से पता चल जाता है कि छद्म धर्मनिरपेक्षता का मुलम्मा ओढ़े ये बेनाम गुमनाम और दिव्य ज्ञान के खोजी चमडी की सात परत नीचे हाफ पैंटिये ही हैं।<BR/> @अफलातून जी , मैंने कोई रंग किसी को नही दिया है , मैं कैसे किसी को कोई रंग दे सकता हूँ। मैं यह मानता हूँ कि रंग निर्दोष होते हैं। हाँ , हाफ पैंटियों ने जरूर भगवा पर क़ब्जा कर लिया है यह बात तो सच है। बल्कि वह तो पूरे हिंदुस्तान हो इसी रंग मे देखना चाहते हैं। लेकिन फिर और रंगो का क्या होगा ?Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-34003742559660897452007-07-23T23:35:00.000-05:002007-07-23T23:35:00.000-05:00आपने भगवा रंग हाफ पैन्टियोँ को सौँप दिया है ?आपने भगवा रंग हाफ पैन्टियोँ को सौँप दिया है ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-78894771741305008192007-07-23T20:30:00.000-05:002007-07-23T20:30:00.000-05:00waise lagta hai aapke paas asahmati ke liye koi ja...waise lagta hai aapke paas asahmati ke liye koi jagah nahi hai. jisne aapki khilafat ki wo sangh wala ho gaya?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-30912387291370963652007-07-23T19:57:00.000-05:002007-07-23T19:57:00.000-05:00bhaiye Narad walon ne kya sochkar bhagva rang chun...bhaiye Narad walon ne kya sochkar bhagva rang chuna ye to wo hi jaane. Par hum jab kisi sadhu/rishi ke baare mein sochte hain to use bhagva rang ke kapdon mein hi dekhte hain. Ab chahe ise TV par aai Mahabharat ka asar maane ya hamare hshar mein hajaron ki sankhya mein ghoomte hue sadhuon ka asar.<BR/>Waise aap ye bhi pooch sakte hain ki blog aggregator ka naam Narad hi kyon hai?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-18996572600718489682007-07-23T11:55:00.000-05:002007-07-23T11:55:00.000-05:00arey tumko kya karna hai yar? main poochta hoon tu...arey tumko kya karna hai yar? main poochta hoon tumhara blog multicolored kyun hai, green kyun nahi? ab tum kya apney blog ko green kar logey? narad walon ki marji, unko orange pasand hai unhone kar dee, kyun apna aur doosron ka time waste karte ho.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-10131610474443874072007-07-23T05:30:00.000-05:002007-07-23T05:30:00.000-05:00मै बिल्कुल सहमत हु बाजार वाले से नारद का भगवा क्यो...मै बिल्कुल सहमत हु बाजार वाले से नारद का भगवा क्यो है? नारद् को रन्ग बिरन्गा कर दो <BR/>क्या ऐसा नही हो सकता ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-28938065824771397092007-07-23T05:07:00.000-05:002007-07-23T05:07:00.000-05:00आदरनीय मसिजीवी जी , ये सवाल मैंने जान बूझ कर किया ...आदरनीय मसिजीवी जी , <BR/>ये सवाल मैंने जान बूझ कर किया है। दरअसल ये सवाल मुझे तब से परेशान कर रहा था जबसे मैंने नारद को देखा। लेकिन विवाद मे न पड़ने की सोच रहा था। अगर मैं नही तो कोई और जरूर ये सवाल पूछता। बस यही सोचकर मैंने पूछ लिया यह सवाल। इसका सीधा उत्तर भी दिया जा सकता है लेकिन कहते हैं कि सावन के अंधे को सब कुछ हरा ही दिखाई देता है। सारी टिप्पणियां देख लीजिये , किसी ने सवाल का जवाब देने की जहमत नही उठाई है। किसी को इसमे संतरा नज़र आ रहा है तो कोई इसी बहाने दिव्य ज्ञान की तलाश मे है ।Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-77591043048473458492007-07-23T04:51:00.000-05:002007-07-23T04:51:00.000-05:00संजय जी , आपका रंग गोरा क्यो नही है इसका ठीक ठीक ज...संजय जी , आपका रंग गोरा क्यो नही है इसका ठीक ठीक जवाब तो कोई डॉक्टर ही दे पायेगा।वैसे सुना है कि शाखाओं मे जाते जाते वहाँ पड़ने वाले "दबाव" से आदमी का रंग कुछ दब जाता है। आपकी सोच समझ बजारू क्यो नही हुई , इसका जवाब तो आपके खुद के मंथन से ही निकलेगा । आपकी बुद्धि कितनी सकारात्मक है , यह तो आपकी टिपण्णी से ही पता चल जा रहा है। आपने मेरा सवाल समझा ही नही और उसमे न जाने कहा से विरोध और नकारात्मकता खोज लाए। और रही बात विचारधारा के गुलाम वाली बात तो भाई विचारधारा की गुलामी को मैं नही मानता हूँ लेकिन यह जरूर मानता हूँ कि हर आदमी किसी न किसी विचार का समर्थक होता है। आप कोई अनोखे नही हैं। थोडा ईमानदार बनिए , आपको घृणा और सवाल के बीच का फर्क स्वतः ही पता चल जाएगा। और उसके बाद आप भी मेरी ही तरह ये सोचने लगेंगे कि आखिर नारद का रंग भगवा क्यों है ?Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-18950173493407214682007-07-23T04:44:00.000-05:002007-07-23T04:44:00.000-05:00ये टिप्पणी महज इसलिए कि ये न माना जाए कि विवाद के...ये टिप्पणी महज इसलिए कि ये न माना जाए कि विवाद के डर से कन्नी काटते हैं <BR/>दूसरी बात इस सवाल की नेकनीयती पर मुझे भी शक है पर ये भी सही है कि केवल इसी से सवाल स्वमेव खारिज नहीं हो जाता मेरा कयास है कि ये जाबूझकर नहीं किया गया होगा ( और सहमत हूँ कि इसलिए और भी चिंताजनक है....हमने इसी तर्ज पर जब पूछा कि भई इस नए मीडियाकास्ट का नाम संजय ही क्यों तो हम पर भी यही सवाल उठाए गए कि हम विवाद प्रिय हैं।<BR/><BR/>होता हैमसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-81263805186871370532007-07-23T03:34:00.000-05:002007-07-23T03:34:00.000-05:00नारद का रंग भगवा क्यों की तर्ज पर भैया कई सवालों स...नारद का रंग भगवा क्यों की तर्ज पर भैया कई सवालों से मैं भी जूझ रहा हूं मैं गोरा-चिट्टा क्यों न हुआ. मेरी सोच-समझ बाजारू क्यों नहीं बनती. मैं हर बात में विवाद क्यों नहीं देख पाता. मेरी बुद्धि नकारात्मक क्यों नहीं होती. मैं चाहकर भी किसी विचारधारा का गुलाम क्यों नहीं बन पाया. लाख असहमत होने पर भी मैं किसी से घृणा क्यों नहीं कर पाता. <BR/>कुछ दिव्य ज्ञान हमें भी दिया जाए.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-81680966807063186072007-07-23T02:34:00.000-05:002007-07-23T02:34:00.000-05:00मित्र नटराज , मैं आपकी इस बात से १०० % सहमत हूँ कि...मित्र नटराज , मैं आपकी इस बात से १०० % सहमत हूँ कि 'रंग निर्दोष होते हैं , आदमी की सोच साम्प्रदायिक होती है ' । यही पर मैं आपसे भी कुछ जानकारी चाहता हूँ। भगवा रंग भारतीय परिप्रेक्ष्य मे किसका प्रतिनिधित्व करता है । और मित्र , मेरा सवाल था कि नारद का रंग भगवा क्यों है मैंने जो प्रश्न पूछा था वो सिर्फ इसलिये कि मुझे पता चले कि इस संदेहास्पद रंग को क्या समझा जाय ? अगर या अवचेतन मे बनाया गया है तब एक सोच को बल मिलता है और अगर यह चेतनावस्था मे बनाया गया है तब दूसरी सोच को बल मिलता है।Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-54261259132409330572007-07-23T02:17:00.000-05:002007-07-23T02:17:00.000-05:00मित्र रंग निर्दोष होते है, आदमी की सोच साम्प्रदायि...मित्र रंग निर्दोष होते है, आदमी की सोच साम्प्रदायिक होती है. आप जो चाहे अर्थ निकाल लें, हरा रंग इस्लाम की बपोती नहीं और केसरीया हिन्दुओं के एकाधिकार में नहीं.<BR/><BR/>आपकी जैसी सोच होगी दुनिया आपको वैसी ही नजर आएगी.Natarajhttps://www.blogger.com/profile/06662567390627494067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-80609587230248204812007-07-23T02:06:00.000-05:002007-07-23T02:06:00.000-05:00अरे भाई 'नाम मे क्या रखा है' ! मेरा सवाल तो अभी भी...अरे भाई 'नाम मे क्या रखा है' ! मेरा सवाल तो अभी भी अनुत्तरित है .....Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-47014822543222107842007-07-23T01:30:00.000-05:002007-07-23T01:30:00.000-05:00भूखे आदमी को चांद की शक्ल रोटी जैसी दिखती है. इसी...भूखे आदमी को चांद की शक्ल रोटी जैसी दिखती है. इसी प्रेमिका जैसी नहीं.<BR/>इसीलिये तुम्हें संतरे में संत, रा और नागपुर दिखता है.<BR/><BR/>वैसे क्या तुम संतरा खाते हो?<BR/>आजकल संतरे क्या भाव आते हैं?नाम में क्या रखा है?https://www.blogger.com/profile/09270876909074865056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-31092581553259856332007-07-23T01:21:00.000-05:002007-07-23T01:21:00.000-05:00"संतरा" की बात भी सही आई. इससे पता चलता है कि नारद..."संतरा" की बात भी सही आई. इससे पता चलता है कि नारदवाले संतरा बहुत खाते हैं, यहां तक कि ब्लॉग बनाते समय भी. इस फल के प्रति उनका प्रेम स्वाभाविक है क्योंकि इसमें "संत" तो है ही "रा" भी है जिसे राम या रावण या रिसर्च एंड अनालिसिस विंग भी कहा जा सकता है. यह बात छुपाई जानी चाहिये कि ये संतरे नागपुर से आते हैं जिसे नारदवाले खाते हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-81836857971448049452007-07-23T01:19:00.000-05:002007-07-23T01:19:00.000-05:00बिना नाम वाले भाई , एक सीधे से सवाल का जो जवाब आप ...बिना नाम वाले भाई , एक सीधे से सवाल का जो जवाब आप दे रहे हैं ,इनसे न तो मैं सन्तुष्ट हूँ और न ही कोई और हो सकता है। नारद को बनाना किसी ऊपर वाले की गलती नही है। बल्कि आपने जो शब्द "गलती" प्रयोग किया उसका मैं विरोध करता हूँ । नारद को बनाना कोई गलती नही है। आपने ये कैसे सोच लिया कि नारद को बनाना कोई गलती हो सकती है। और न ही नारद की तुलना किसी संतरे या उसके रंग से की जा सकती है। दरअसल एक भगवा प्राकृतिक होता है और एक भगवा बनाया जाता है। मेरे सवाल का उत्तर अभी तक नही मिल पाया है। और कृपया तर्क सहित उत्तर देने का कष्ट करे। बिना तर्क वाले उत्तरों को सिर्फ मजाक ही कहा जा सकता है और वह आपकी अगम्भीरता को भी परिलक्षित करता है।Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-20037035708107270502007-07-23T01:03:00.000-05:002007-07-23T01:03:00.000-05:00नारद बनाते समय नारद बनाने वाले संतरा खा रहे थे. स...नारद बनाते समय नारद बनाने वाले संतरा खा रहे थे. संतरा मीठा भी होता है, खट्टा भी होता है. कभी कभी संतरा कड़वा भी होता है, एकदम किसी कड़वी पोस्ट की तरह. सो इसीलिये नारद का रंग संतरे के रंग पर भगवा बना लिया गया. अगर संतरा नीला होता तो इसे नीला बना लेते. <BR/><BR/>गलती तो ऊपर वाले की है कि उसने संतरा नीला बनाया. न वो संतरा भगवा बनाता, न नारद का रंग भगवा होता.नाम में क्या रखा है?https://www.blogger.com/profile/09270876909074865056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-88621026184455897532007-07-23T00:54:00.000-05:002007-07-23T00:54:00.000-05:00भाई बिना नाम वाले , संतरे , आसमान और पत्तियां प्रा...भाई बिना नाम वाले , संतरे , आसमान और पत्तियां प्राकृतिक हैं। तिरंगे मे जो भगवा रंग है , उसका अर्थ तो आपको पता ही होगा , नही पता तो ये आपके लिए खराब बात है । आपको पता होना चाहिऐ था। पेड या आकाश ना तो पाकिस्तानी होते हैं और न ही मायावती के साथ। यह बात असंगत है। आपने यह टिपण्णी जोश मे आकर दी हुई लगती है। नारद पूरी तरह से चेतनायुक्त मानव द्वारा बनाया गया है। और भी रंग हो सकते थे। एक भगवा ही क्यों ? आसमान की तरह नीला , दूसरे अग्रीगेटरों की तरह सफ़ेद .... भगवा ही क्यों ? यह एक साधारण सा सवाल है , आशा है आपको अपना जवाब मिल गया होगा । आप के उत्तर की प्रतीक्षा है।Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7278137563363677271.post-78300942821581846652007-07-23T00:43:00.000-05:002007-07-23T00:43:00.000-05:00कम्बख्त संतरे का रंग भगवा क्यों है?हमारे तिरंगे मे...कम्बख्त संतरे का रंग भगवा क्यों है?<BR/>हमारे तिरंगे में एक रंग भगवा क्यों है?<BR/>आकाश का रंग नीला क्यों है, क्या ये मायावती के साथ है?<BR/>पेड़ के पत्ते हरे क्यों हैं? क्या सारे पेड पाकिस्तानी हैं?<BR/><BR/>मेरे भी ये सवाल हैं.<BR/>पहले मेरे सवालों का जबाब दो.<BR/>बाद में मैं तुम्हारे सवालों का जबाब दे दूंगानाम में क्या रखा है?https://www.blogger.com/profile/09270876909074865056noreply@blogger.com